डॉ. भीमराव की जयंती पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

थरव / महान समाज सुधारक भारतीय संविधान के शिल्पकार एवं भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर गयादीन विश्वकर्मा इण्टर कालेज थरवई स्थित भिदिउरा में एक विचारगोष्ठी एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों अभिभावकों एवं जनसामान्य को बाबा साहब के जीवन संघर्ष व आदर्शों से अवगत कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। विद्यालय के प्रबंधक, प्रधानाचार्य व समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने मिलकर बाबा साहब को नमन किया और उनके जीवन के मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। उपस्थित शिक्षकों एवं अतिथियों ने अंबेडकर जी के सामाजिक न्याय समानता व शिक्षा और संविधान निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदानों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बताया कि किस प्रकार बाबा साहब ने दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और एक समतामूलक समाज की स्थापना का सपना देखा। उनके द्वारा रचित भारतीय संविधान को विश्व के श्रेष्ठतम संविधानों में एक माना जाता है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी भागीदारी निभाई। विद्यार्थियों ने भाषण, कविता पाठ एवं विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ. अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने शिक्षा, संघर्ष और सामाजिक समरसता को जीवन का मूल मंत्र बताया। विद्यार्थियों ने "जय भीम" के नारों के साथ वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। विद्यालय के प्रबंधक तीर्थराज विश्वकर्मा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, जो आज भी समाज को दिशा दे रही है। उन्होंने सभी छात्रों को बाबा साहब के सिद्धांतों पर चलने, शिक्षा को हथियार बनाने एवं समाज में समानता व भाईचारे की भावना विकसित करने का आह्वान किया। 



कृष्ण मोहन मौर्य ( सच खबरें ) 
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