सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में उच्च न्यायालय प्रयागराज ने सदर तहसीलदार को भेजा नोटिस

 जौनपुर: सदर तहसील क्षेत्र के विकास खंड धर्मापुर के समोपुर कलां गांव में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। न्यायालय ने जौनपुर सदर के तहसीलदार को अवमानना नोटिस जारी करते हुए आगामी 3 मार्च को अदालत में पेश होकर जवाब देने का आदेश दिया है।


यह मामला समोपुर कलां गांव के निवासी श्री राम सूरत यादव पुत्र श्री रामस्वरूप द्वारा दायर याचिका से संबंधित है। श्री यादव का आरोप है कि गांव के ग्राम प्रधान और हल्का लेखपाल की मिलीभगत से लगभग एक बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। इस भूमि में मटखन्ना, चकमार्ग, नाला, खलिहान और भीटा जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीन शामिल है। याचिकाकर्ता श्री राम सूरत यादव का कहना है कि कब्जाधारियों ने ग्राम प्रधान की शह पर इस सरकारी भूमि पर मकान आदि बनाकर अतिक्रमण कर लिया है।

श्री राम सूरत यादव ने बताया कि उन्होंने इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय प्रयागराज में याचिका दायर कर हस्तक्षेप की मांग की।


उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सदर तहसीलदार को सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, तहसीलदार द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया। न्यायालय ने इसे अपनी अवमानना मानते हुए तहसीलदार को 3 मार्च को अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

इस घटना से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की समस्या और उस पर प्रशासन की निष्क्रियता एक बार फिर उजागर हुई है। उच्च न्यायालय के इस हस्तक्षेप से उम्मीद है कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा सकेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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