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Showing posts from October 23, 2024

दीपावली त्योहार पर मिलावट रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कशा जा रहा है शिकंजा, जानिए क्या हो रही कार्रवाई

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  जौनपुर। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने पर प्रशासन की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है। बीते दो वर्षों में जांच के दौरान 373 खाद्य पदार्थ मानकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरे। इसे लेकर दुकानदारों पर एक करोड़ 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही 244 मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस बार फिर त्योहार को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से अतिरिक्त टीमों का गठन कर दुकानों पर छापेमारी की जा रही है। तमाम सख्ती के बाद कुछ दुकानदार खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से नगर समेत कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों दूध, खोवा, अचार, दाल, मसाला, तेल व समोसा सहित अन्य खाद्य पदार्थों का 1587 नमूना संग्रहित किया, जिसमे 373 मानकों की कसौटी पर खरे नहीं मिले। पूर्व में चेतावानी के बाद भी सुधार नहीं मिलने पर दुकानदारों पर एक करोड़ बारह लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाए जाने के साथ ही 244 के खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दाखिल किया गया। अधिकांश दुकानदार खाद्य तेल का उपयोग बदले बिना बार-बार करते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है

हाईकोर्ट का आदेश: राजस्व न्यायालय के अन्तरिम आदेश की निगरानी पोषणीय नहीं जानिए क्या है दलील

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी प्रकरण में राजस्व न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ कमिश्नर की अदालत में निगरानी याचिका पोषणीय नहीं है। कमिश्नर को राजस्व न्यायालय के अंतिम रूप से निर्णय वादों के खिलाफ ही निगरानी याचिका की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है। यह फैसला न्यायमूर्ति डॉ.योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मोहम्मद मुस्लिम और पांच अन्य की ओर से प्रयागराज के बेली कछार की भूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता विभु राय ने दलील दी कि याची बेली कछार स्थित एक भूखंड का स्वामी है, राजस्व अभिलेखों में उसका नाम दर्ज है। इस जमीन को लेकर उसका विपक्षी मो.सलीम से सिविल वाद चल रहा है। सिविल वाद अदालत में लंबित है। अंतरिम निषेधाज्ञा की अर्जी खारिज हो चुकी है। विपक्षी ने इस तथ्य को छिपाकर एसडीएम की अदालत में उद्घोषणा वाद दाखिल किया। साथ ही निषेधाज्ञा की अर्जी भी दाखिल कर दी। एसडीएम ने 17 अक्तूबर 2022 को यथा स्थिति का एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया। लेकिन, जब याची ने अपनी विस्तृत आपत्ति दाखिल की तो एसडीएम ने उक्त आदेश को वापस ले लिया।

भाजपा चुनाव को लेकर डरी हुई है इसलिए सरकारी मशीनरी को आगे करके विपक्ष को दबा रही है - शिवपाल यादव

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सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने अपने दौरे के दूसरे दिन भी जिला प्रशासन को निशाने पर रखा। बुधवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि कटेहरी उपचुनाव को लेकर प्रशासन की भूमिका ठीक नहीं है। ऐसा सिर्फ इसलिए है क्योंकि भाजपा चुनाव को लेकर डरी हुई है इसीलिए वह प्रशासन को आगे कर रही है लेकिन प्रशासन और भाजपा दोनों को याद रखना चाहिए कि दबाव डालकर और धमका कर जनता से समर्थन हासिल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि व्यापारियों और आम लोगों के घर छापे डलवाए जा रहे हैं तो बड़े लोगों से हमदर्दी की जा रही है। किसान परेशान हैं। युवाओं के पास नौकरी नहीं है। इन सब पर सरकार और प्रशासन का ध्यान नहीं है सिर्फ उत्पीड़न पर जोर है। शिवपाल सिंह ने कहा कि प्रशासन और कार्यकर्ता में फर्क होता है। यह अंतर बने रहने देना चाहिए। यहां उपचुनाव से पहले जिला प्रशासन की जो भूमिका है उससे सपा कार्यकर्ताओं और आम जनता परेशान नहीं होने वाली है। मैं आज वापस जा रहा हूं लेकिन दो तीन दिन में वापस आऊंगा। इसके बाद यहीं डटूंगा तब देखूंगा कि प्रशासन किस तरह से मनमानी कर पाता है। इस बीच जिला प्रशासन की शिकायत च

राज्य कर्मचारियों को दीपवली का तोहफा बोनस देने के फैसले को सरकार की मंजूरी

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यूपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार ने कर्मचारियों को बोनस देने के फैसले को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में लिए गए निर्णय को एक्स पर जारी करते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के समस्त पूर्णकालिक अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों और राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित अधिष्ठान के कर्मचारियों तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वर्ष 2023-2024 के लिए बोनस प्रदान करने का सहर्ष निर्णय लिया है इसके पहले, सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली के कारण एक दिन पहले बोनस देने को मंजूरी दे दी है।

मथुरा प्रकरण: हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को करारा झटका आ गया फैसला रिकाल अर्जी खारिज

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उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुना दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रीकॉल अर्ज़ी खारिज कर दी है। 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष ने रीकॉल अर्जी दायर की थी। 15 याचिकाओं को लेकर रिकॉल अर्जी दाखिल हुई थी। 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को इस पर फैसला सुना दिया है। श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के पक्षकार एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया, न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ के समक्ष मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई थी। पक्ष ने आर्डर सात रूल 11 के तहत दिए गए प्रार्थना को खारिज कर स्वामित्व से जुड़े 15 सिविल वादों को एक साथ सुने जाने के कोर्ट के निर्णय खिलाफ रीकॉल प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।   मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि रीकॉल प्रार्थना पत्र मामले को उलझाए रखने के लिए है। रीकॉल प्रार्थना पत्र किसी आदेश को वा