Posts

Showing posts from September 26, 2024

सवाल:आखिर संसदीय अध्ययन समिति की बैठक जौनपुर के बजाय वाराणसी में क्यों की गई, कहीं कागजी बाजीगरी का खेल तो नहीं

Image
जौनपुर। सभापति संसदीय अध्ययन समिति, उत्तर प्रदेश विधान परिषद सुरेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में तथा समिति के सदस्यों की उपस्थिति में सर्किट हाउस वाराणसी में जिलाधिकारी जौनपुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। यह बैठक जौनपुर में क्यों नहीं की गई यह एक बड़ा सवाल समिति के अध्यक्ष के प्रति उठता है। बैठक में जनपद जौनपुर की समीक्षा के दौरान पंचायती राज विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न गावों में बारात घर बनाने की योजना पर समाज कल्याण द्वारा कार्य किया जा रहा है, बारात घर बनाने की कोई योजना पंचायती राज विभाग में नहीं है। सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा कुल 13 पत्र प्राप्त हुए थे जिसमें सभी का निस्तारण करा दिया गया है तथा नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया जा रहा है तथा आगामी महीनों में नहरों की सफाई कराने का कार्य भी किया जायेगा।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनपुर द्वारा अवगत कराया गया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्रों पर यथोचित कार्यवाही

केराकत विधायक और सपा ब्लाक अध्यक्ष की जंग में इस विधायक की पर्दे के पीछे से इन्ट्री जानिए पार्टी के लिए कितनी होगी धातक

Image
जौनपुर। केराकत से सपा विधायक तूफानी सरोज सपा में बरसठी ब्लाक के अध्यक्ष विवेक यादव के बीच छिड़ी जंग को लेकर सपा के दो विधायक आमने सामने आ गये है। इसका दूरगामी परिणाम जो भी हो लेकिन  जौनपुर में समाजवादी पार्टी के अन्दर जबरदस्त गुटबाजी दिख रही है वहीं पर सपा के मूल मतदाता इस जंग में विवेक यादव के पक्ष में होते नजर आ रहे है। सपा के अन्दर से लेकर बाहर आम जनमानस के बीच विधायक बनाम सपा के ब्लाक अध्यक्ष की सीधी टक्कर चर्चाए खास बनी हुई है। यहां बता दें कि इस जंग की शुरुआत केराकत के अहंकारी विधायक तुफानी सरोज की ओर से शुरू की गई अब दोनो पक्ष आमने सामने है।इस जंग में केराकत विधायक के खिलाफ मछलीशहर से सपा की विधायक रागिनी सोनकर विवेक यादव के साथ खड़ी हो गई है।वह मानती है कि केराकत विधायक पार्टी के कार्यकर्त्ताओ को दबाकर रखना चाहते है। कार्यकर्त्ताओ को अपना गुलाम समझते है ऐसा नही होने पायेगा। यहां बता दें कि केराकत विधायक तूफानी सरोज ने 19 सितंबर को सपा के बरसठी ब्लॉक अध्यक्ष विवेक यादव के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था

खंड शिक्षा अधिकारी अब बन सकेंगे जीआईसी के प्रधानाचार्य, जानिए परिषद ने नियमावली में क्या किया संशोधन

Image
बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भी अब पदोन्नत होकर राजकीय इंटर काॅलेजों (जीआईसी) के प्रधानाचार्य बन सकते हैं। इसके लिए शासन से नियमावली तैयार कर दी गई है। उसे स्वीकृति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जीआईसी में प्रधानाचार्य का पद राजपत्रित होता है। इसके 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाते हैं। प्रधानाचार्यों की भर्ती पीसीएस के साथ होती है और ग्रेड पे- 5400 का होता है। इसके अलावा 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का नियम है, लेकिन पिछले एक दशक से यह विवादित है, इसलिए पदोन्नति प्रक्रिया ठप है। कई प्रवक्ता प्रधानाचार्य बनने का इंतजार करते-करते रिटायर हो गए। इन पदों को 61 प्रतिशत पुरुष और 22 प्रतिशत महिला जीआईसी प्रवक्ता से और 17 प्रतिशत डीआई की पदोन्नति से भरने का नियम है। डीआई का पद खत्म हो चुका है। बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात एसडीआई ही डीआई बनते थे। एसडीआई का पद खत्म करके बीईओ पद बनाया गया। बीईओ बनने वालों ने डीआई की तरह की पदोन्नति से जीआईसी का प्रिंसिपल बनने की म