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Showing posts from June 27, 2024

महिला को जिन्दा जलाकर मार डालने वाले अभियुक्त को मिली आजीवन कारावास की सजा

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छेड़खानी का विरोध करने पर महिला की जलाकर हत्या करने के दोषी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। यह फैसला बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर छह संतोष कुमार यादव ने सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, कैलाश निवासी जगदीशपुर (नरियवां) थाना फूलपुर का बड़ा भाई कृपा लुधियाना में रहता था। कैलाश की भाभी गुलाबी देवी अपने बच्चों के साथ गांव में रहती थी। गांव का मनबोध सात फरवरी 2017 की रात गुलाबी के घर में घुस गया और छेड़खानी करने लगा। जब गुलाबी ने विरोध किया तो मनबोध ने मिट्टी का तेल छिड़ककर गुलाबी को जला दिया। उसे फूलपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में इलाज के दौरान सदर अस्पताल जौनपुर में 13 फरवरी को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट न्यायालय में भेजी। अभियोजन पक्ष की तरफ से वकील श्रीश ने गवाहों को पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने दोषी मनवोध को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

यूपी की एक ऐसी जेल जहां सजायाफ्ता कैदियों से श्रम का काम लेने के बजाय दिलाई जा रही है शिक्षा, जानिए क्या है व्यवस्था

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नैनी सेंट्रल जेल में हत्या लूट, डकैती, चोरी समेत अन्य संगीन अपराध में सजा काट रहे बंदी जेल में ही पढ़ाई-लिखाई शुरू कर दी है। ये बंदी पढ़-लिखकर समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं। इनका जेल से रिहा होने के बाद अपराध की राह छोड़कर नाैकरी पेशा में जाने का लक्ष्य है। इनमें कई बंदी स्नातक तो कई परास्नातक की डिग्री लेने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें पुरुष और महिला बंदी दोनों शामिल है। दरअसल, नैनी सेंट्रल जेल में बंदियों के रखने की क्षमता करीब दो हजार है। इस दाैरान जेल में करीब 1700 बंदी है। जेल में आने वाले बंदियों को जेल प्रशासन देखता है कि बंदी कितना पढ़ा लिखा है। उस हिसाब से उसकी काउंसलिंग की जाती है। इनमें कई बंदी आगे पढ़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। डिग्री के हिसाब से इनका स्कूल या फिर विश्वविद्यालय में एडमिशन करवा दिया जाता है। इनमें 57 बंदी ऐसे हैं, जिन्होंने इग्नू में स्नातक और परास्नातक की डिग्री लेने के लिए फार्म भरा था। अब इनकी छह जून से परीक्षा शुरू हो गई है। दो पालियों में चल रही परीक्षा 13 जुलाई तक चलन

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद प्रतिपक्ष के नेताओ की जानिए क्या आयी तीखी प्रतिक्रिया,क्या उठे सवाल

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। उनके इस संबोधन के बाद यूपी से जुड़ी पार्टियों की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस के साथ सपा और बसपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।  राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही?  बसपा सुप्रीमो मायावती

सुभासपा विधायक विधायक बेदी राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की उठी मांग

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आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी यूपी से सुभासपा के जखनिया विधायक बेदी राम पर पर्चा लीक मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि बेदी राम के खिलाफ पिछले दिनों दो वीडियो सामने आए हैं। इसमें एक वीडियो में पर्चा लीक का आरोपी विजेंद्र बेदी राम को पर्चा लीक का सरगना बता रहा हैं। लगभग 3 माह पुराने गाजीपुर के बताए गए दूसरे वीडियो में एक युवक बेदी राम से भर्ती करने के लिए दिया गया अपना पैसा मांग रहा है, जिस पर उनके द्वारा न सिर्फ पैसा देने से इनकार किया जा रहा है बल्कि तमाम भर्ती घोटाले में अपनी संलिप्तता भी खुले आम बताया जा रहा है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि बेदी राम के 2022 में चुनाव आयोग के समक्ष दिए हलफनामे के अनुसार उन पर 2006 में थाना कृष्णा नगर, लखनऊ में रेलवे भर्ती परीक्षा लीक का पहला मुकदमा हुआ था और अभी तक यूपी, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में रेलवे भर्ती के पांच, पुलिस भर्ती का एक तथा एमपीपीसीएस के दो एफआईआर दर्ज हैं। जो उनके इस प्रकार के कार्यों में संलिप्तता को पूरी तरह प्रमाणित करते हैं। उन्होंने इन दोनों वीडिय

नया सत्र शुरू होने के साथ गांव में ग्राम प्रधान के साथ मीटिंग कर बच्चो का करायें नामांकन - सीडीओ

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जौनपुर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, कायाकल्प, मिशन प्रेरणा फेस-2, निपुण भारत के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक विद्यालय का एक सप्ताह के अन्दर निरीक्षण कर शिक्षकों तथा छात्रों की उपस्थिति की जांच करें। अनुपस्थित पाये जाने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करें। ईट-भट्टों, बस अड्डा, स्टेशन आदि सहित अन्य स्थनों पर जाकर बच्चों के अभिभावकों को प्रेरित करते हुए उनका नामांकन कराये। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों को मीटिंग के माध्यम से और गांव में डुग्गी और मुनादी करके नामांकन बढाएं। अध्यापगण एसएमसी और पीटीएम बैठक कर पिछले सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों को सम्मानित करें। निपुण के लक्ष्य पर

इन 23 आईएएस अधिकारियों के बदले बैच देखे सूची

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केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने स्टेट कोटे के 23 आईएएस अधिकारियों को पहले जो बैच आवंटित किया गया था, उससे एक बैच पहले का बैच आवंटित कर दिया है। एक ही सेलेक्ट लिस्ट (चयन सूची) में इन अधिकारियों के मुकाबले उनके वरिष्ठ अधिकारियों की सेवा अवधि कम थी, जिसके चलते इन 23 अधिकारियों को भी बाद का एक बैच आवंटित हो गया था। हाईकोर्ट के आदेश से उनके बैच में परिवर्तन किया गया है। स्टेट कोटे के 16 आईएएस अधिकारियों को पूर्व में 2010 बैच आवंटित किया गया था, जिसे अब 2009 तक दिया गया है। ये अधिकारी हैं-इंद्र विक्रम सिंह, हीरा लाल, राम योग्य मिश्रा, शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, राकेश कुमार सिंह, फैसल आफताब, दीप चंद्र, अमर नाथ उपाध्याय, डॉ. अनिल कुमार सिंह, साहब सिंह, श्रीश चंद्र वर्मा, सुशील कुमार मौर्य, मानवेंद्र सिंह, अटल कुमार राय और नरेंद्र प्रसाद पांडेय। इसी तरह से स्टेट कोटे के सात अधिकारियों को पूर्व 2015 बैच आवंटित किया गया था। अब इन्हें 2014 बैच दिया गया है। ये अधिकारी हैं-श्याम बहादुर सिंह, पवन कुमार गंगवार, ब्रजेश कुमार, हरिकेश चौरसिया, महेंद्र सिंह, रविंद्र

पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बच्चो का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते है - हाईकोर्ट

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बेटियों के डीएनए टेस्ट की मांग करने वाले डॉक्टर पति को जोर का झटका दिया है। बेटियों को गुजारा भत्ता देने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते। डीएनए टेस्ट भरण पोषण से बचने का हथियार नहीं है। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की अदालत ने कासगंज निवासी डॉ. इफराक उर्फ मोहम्मद इफराक हुसैन की याचिका निरस्त करते हुए यह तल्ख टिप्पणी की। थाना गंजडुंडवारा क्षेत्र के डॉ. इफराक का शाजिया परवीन से 12 नवंबर 2013 को निकाह हुआ था। करीब चार साल दोनों के बीच संबंध ठीक-ठाक चले।