राजस्व वादो के निस्तारण में जौनपुर ने किया टाप, प्रदेश की रिपोर्ट में जौनपुर पहले स्थान पर
जौनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्व वादों के मामलों के समय से निस्तारण को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। वह खुद राजस्व वादों के निस्तारण की मॉनीटरिंग करते हैं। इसको लेकर वह प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अक्सर प्राथमिकता के आधार पर मामलों के निस्तारण के सख्त निर्देश देते रहते हैं।
सीएम योगी हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं। इस दौरान लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त निर्णय भी लेते हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गई है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू द्वारा नवंबर माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में जौनपुर जिले ने मामलों के निस्तारण में बाजी मारी है और पहले स्थान पर काबिज हो गया है। जबकि दूसरे स्थान पर गाजीपुर और तीसरे स्थान पर सुल्तानपुर है। टॉप टेन की बात करें तो लखीमपुर खीरी, हरदोई और कुशीनगर ने अपनी जगह बनाई है। वहीं, सीएम सिटी गोरखपुर टॉप टेन में भी अपनी जगह नहीं बना पाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। उनकी इस पहल का उद्देश्य न केवल जनता को त्वरित न्याय दिलाना है, बल्कि प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देना है। इसी के तहत प्रदेश के जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी पूरी तत्परता से मामलों का निस्तारण कर रहे हैं।
जौनपुर डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की नवंबर माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 567 मामलों का निस्तारण किया है। इसका प्रतिशत 226.80 है।
डीएम दिनेश सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 121 मामलों का निस्तारण कर 403.33 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की। इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 182 मामलों का निस्तारण कर 364 प्रतिशत का प्रदर्शन किया। वहीं, अपर जिलाधिकारी भू राजस्व न्यायालय ने निर्धारित 50 के मानक के सापेक्ष 121 मामलों और अतिरिक्त उपजिलाधिकारी द्वितीय न्यायालय ने 60 के मानक के सापेक्ष 143 मामलों को निस्तारण कर 238.33 प्रतिशत का प्रदर्शन किया। इसी के साथ जौनपुर के यह सभी न्यायालय मामले के निस्तारण में पूरे प्रदेश में पहले पायदान पर है।
गाजीपुर के चार न्यायालयों ने 190 के मानक के मुकाबले 251 मामलों का निस्तारण किया, जिसका रेश्यो 132.11 प्रतिशत है। इसी के साथ गाजीपुर ने दूसरा स्थान हासिल किया है। सुल्तानपुर के 6 न्यायालयों ने 350 के मानक के मुकाबले 320 मामलों का निस्तारण कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसका रेश्यो 91.43 प्रतिशत है। इसी तरह बोर्ड ऑफ रेवन्यू के मानक के अनुसार राजस्व वादों के मामलों के निस्तारण में कुशीनगर, बलिया, हरदोई, लखीमपुर खीरी, बस्ती, सहारनपुर और मैनपुरी ने टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है। इनमें कुशीनगर ने 208, बलिया ने 98, हरदोई ने 205, लखीमपुर खीरी ने 197, बस्ती ने 189, सहारनपुर ने 119 और मैनपुरी ने 136 मामलों का निस्तारण नवंबर माह में किया है।
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