भीषण सड़क हादसे में पांच मौते,किसी का उजड़ा सुहाग,तो किसी का बुझा चिराग,चार गांव में मातमी सन्नाटा
जनपद श्रावस्ती में यातायात नियमों की अनदेखी व चालकों की लापरवाही ने शनिवार पांच की जान ले ली। हादसे में किसी ने बेटा खोया, किसी ने भाई तो किसी ने पति और पिता। पांच मौत के बाद चार गांवों में सन्नाटा पसर गया है। घटना की सूचना के बाद परिजन मौके पर रवाना हो गए। अपनों के खोने के गम में लोग बदहवास नजर आ रहे थे। रविवार को इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इकौना के जयचंद पुर कटघरा के मजरा पांडेयपुरवा निवासी लल्लन के पिता सूबेदार की तबीयत खराब है। शनिवार को वह पिता की दवा व कृषि बीज आदि लेने के लिए वह पिता के साथ टैंपो से इकौना के लिए निकले थे। शाम जल्दी घर लौटने का वादा कर घर से निकले लल्लन कभी न लौटने वाले सफर पर चले गए। मौत की सूचना के बाद जहां परिजन अस्पताल की ओर तो ग्रामीण उनके घर सांत्वना देने दौड़ पड़े। घटना में सूबेदार भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
गिलौला थाना क्षेत्र मोहम्मदापुर निवासी अयोध्या प्रसाद के घर में सन्नाटा था। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि उनका मुकदमा इकौना तहसील में विचाराधीन है। शनिवार सुबह वह अपने मुकदमे की पैरवी के लिए घर से निकले थे जिस टैंपो से वह इकौना आ रहे थे। उसके चालक ने सवारी बैठाने के लिए मोहनीपुर तिराहे के निकट सड़क पर ही अचानक ब्रेक लगा दिया। इससे पीछे से आ रही कार से भिड़ंत हो गई। इसमें अयोध्या प्रसाद को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
ननके यादव के माता-पिता की बचपन में ही मौत हो चुकी है। वह इकौना थाना क्षेत्र के बरईपुर निवासी अपनी बहन कौशल्या देवी के घर रहकर इकौना कस्बा स्थित एक डेंटल क्लीनिक में नौकरी करता था। कौशल्या के पति राधिका प्रसाद की मौत के बाद भाई ननके का ही सहारा था। शनिवार हुए हादसे कौशल्या का यह सहारा भी छीन लिया। भाई की मौत की सूचना के बाद वह परिजनों सहित अस्पताल चली गई।
बहराइच के थाना पयागपुर क्षेत्र के ग्राम वीरपुर निवासी रफीक की बहू सकीरा बानो बीमार है जिसका इलाज कराने के लिए वह वीरपुर से गिलौला तक ई रिक्शा से आए थे। जहां से बाद में टैंपो से वह बहू के साथ इकौना जा रहे थे। एसयूवी के तेज रफ्तार ने रफीक की जिंदगी की रफ्तार पर रोक लगा दी।
बहराइच के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के धरसवा निवासी मुरलीधर ने दो वर्ष पूर्व परिवार के जीविकोपार्जन के लिए टैंपो खरीदा था। शनिवार को भी वह घर से टैंपो लेकर निकला था। जरा सी लापरवाही में न सिर्फ मुरलीधर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा बल्कि चार और लोगों के मौत का कारण बन गए। मुरलीधर की मौत के बाद जहां पत्नी का सुहाग उजड़ गया। वहीं सरोज (12), शिव पारस (8) व मधू (3) के सिर से पिता का साया उठ गया।
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