मानवाधिकार आयोग ने ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव हत्याकांड के जांच का दिया आदेश


जौनपुर। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र स्थित कबीरुद्दीनपुर गांव में विगत 30 अक्टूबर को सुबह सात बजे 17 वर्षीय ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की पड़ोसी युवक रमेश यादव ने तलवार से गर्दन काटकर निर्मम हत्या कर दिया था। मामले में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने पुलिस और राजस्व विभाग के कार्यशैली की जांच का आदेश दिया है। यह आदेश हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव द्वारा पुलिस की कथित लापरवाही के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद दिया गया।
बता दे विगत 30 अक्टूबर को सुबह के समय 
अनुराग यादव पर उनके पड़ोसी ने उस समय तलवार से हमला किया, जब वह अपने घर के बाहर ब्रश कर रहे थे। हमलावर ने तलवार से वार कर अनुराग का सिर धड़ से अलग कर दिया था, जिससे पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया था। घटना से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। अनुराग एक प्रतिभाशाली ताइक्वांडो खिलाड़ी था और उसके उज्ज्वल भविष्य को इस जघन्य हत्या ने असमय ही खत्म कर दिया।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि जमीन विवाद के इस मामले में पुलिस ने लगातार उनकी शिकायतों को अनसुना किया और आरोपियों को संरक्षण प्रदान किया। परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार थाने, सीएम पोर्टल और डायल 112 पर शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मृतक की बहन ने आरोपी पक्ष द्वारा तमंचा लहराने का वीडियो भी बनाया था, फिर भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया।
डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मानवाधिकार आयोग से अपील की थी कि पुलिस द्वारा अब तक की गई सभी कार्रवाइयों की जांच की जाए और घटना से पहले पुलिस अधिकारियों की कॉल डिटेल्स की समीक्षा की जाए, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई आरोपी पुलिसकर्मियों के संपर्क में तो नहीं था।
आयोग ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट 13 दिसम्बर 2024 तक आयोग को प्रस्तुत करें। साथ ही, मामले की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए घटना के दिन तैनात सभी पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण करने की भी मांग की गई है, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। क्षेत्रवासियों और खेल जगत से जुड़े लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है और अनुराग यादव के परिवार के लिए न्याय की मांग की है।
यहां बता दे कि जिला प्रशासन ने विवादित जमीन की पैमाइश करा कर देख लिया कि हत्यारे रमेश यादव का मकान सरकारी जमीन पर बना हुआ है। घटना के दिन डीएम जौनपुर ने कहा था कि सरकारी जमीन पर अगर कोई निर्माण मिला तो ध्वस्त करा दिया जायेगा लेकिन अभी तक राजस्व विभाग ने ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई नहीं की है। आयोग इस प्वाइंट पर जांच करेगा कि राजस्व विभाग ने कहां और कितनी लापरवाही बरती है।

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