दलित किशोरी के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर तालाब में शव फेंका,चार के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज,सभी गिरफ्तार



जौनपुर। जनपद के थाना मछलीशहर स्थित मुतफाबाद बाजार स्थित तालाब में एक नाबालिग दलित किशोरी का का शव मिला। जिससे पूरे इलाके में सनसनी व्याप्त है। शव मिलने की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पीड़ित परिवार के लोगो ने गांव के ही तीन युवक सहित एक महिला पर हत्या कर शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है। दलित नाबालिक बिटिया की मौत का जिम्मेदार बिटिया का परिवार सिर्फ मछलीशहर पुलिस को मान रहा है। 
मृतक के पिता के अनुसार पुलिस ने रेहान, मन्नान और फिरदौस गुरुवार सांय रुपए लेकर छोड़ा दिया। जिसके बाद तीनों ने उनकी पुत्री का अपरहण कर उसके साथ दुष्कर्म किया और तालाब में फेक दिया। मृतक के पिता के अनुसार गुरुवार को मैं और अपने परिवार के साथ रेहान के घर गया था। जहां घर पर मौजूद उसकी बहन रूखसार ने फोन पर मेरी मृतक बेटी से बात भी कराई थी। जिसके बाद उसने पुलिस के दबाव में वह मोबाइल नंबर दिया था, किन्तु बाद में बंद हो गया। इधर शुक्रवार सुबह बाजार स्थित तालाब के पास शव मिलने की सुचना पर पहुंचे मृतक के पिता ने शव को अपने बेटी के होने बात कही।मृतक बालिका की मां ने पुलिस महानिरीक्षक के सामने खुलेआम हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पैसा लेकर आरोपियों को छोड़ा नहीं गया होता तो आज मेरी बेटी जिंदा होती। मुस्तफाबाद के बेहद निर्धन परिवार की दलित बेटी 20 नवंबर बुधवार से ही दिन में गायब हो गई थी।पिता ने उसी दिन रात 11:00 बजे मछलीशहर कोतवाली पहुंचकर  नामजद तहरीर पुलिस को देता है पुलिस 21 तारीख की सुबह आरोपियों को पड़कर लाती है लेकिन आरोप है की शाम 5:00 बजे तक थाने में रखने के बाद आरोपियों को पुलिस ने छोड़ दिया। मृतक बालिका के पिता का आरोप है छुटने के बाद गुस्साए आरोपियो ने पुत्री के  साथ बलात्कार करने के बाद रात में ही उसकी हत्या करके शव को तालाब में फेंक दिया हैं।  मजेदार बात यह भी है कि 20 तारीख को पिता रात 11:00 बजे पहुंच कर पुलिस को पुत्री के गायब होने की सूचना देता है लेकिन उसका गुमशुदगी का मुकदमा दूसरे दिन रात 12:13 पर दर्ज किया जाता है। नामजद तहरीर देने के बावजूद गुमशुदगी का मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस दर्ज करती है। प्रश्न उठता है कि जब पुलिस 22 तारीख की रात 12:13 पर गुमशुदगी का पहला मुकदमा दर्ज करती है वह भी अज्ञात लोगों के नाम,तो पिता द्वारा बताए नामजद  तीन अभियुक्तों को पुलिस 21 तारीख को सुबह से लेकर शाम तक थाने में कैसे और क्यों बैठा लिया जाता है। गुमशुदगी का मुकदमा तो 21 -22 की रात 12:00 के बाद लिखा जाता है। अपनी बिटिया की मौत की जिम्मेदार आरोपियों को पिता ने स्पष्ट तौर पर पुलिस को बताता है लेकिन पुलिस पूरे दिन आरोपियों को थाने में बैठाने के बावजूद बिटिया को बरामद नहीं कर पाती है। और उन्हें पैसा लेकर छोड़ देती है जो थाने से छूटने के बाद उसी रात बिटिया के साथ बर्बरता करते हैं और उसकी जान ले लेते हैं। पिता ने मछली शहर पुलिस की रिश्वतखोरी की लिखित शिकायत पुलिस महानिरीक्षक  वाराणसी मोहित गुप्ता से की है जो थाने के निरीक्षण हेतु आए हुए थे। सीओ मछलीशहर का बयान है कि मृतक दलित किशोरी के पिता की तहरीर के आधार पर धारा 103(1), 238, 62(2), 64 बीएनएस और 3/4 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर चारो अभियुक्तो को गिरफ्तार कर पूछ-ताछ की जा रही है। 



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