आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष नगीना सांसद ने यूपी शासन मुख्य सचिव से दलित अधिकारियों की तैनाती का मांगा हिसाब
यूपी के उपचुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक को लामबंद करने और बहुजन समाज पार्टी से बढ़त लेने के लिए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने कवायद तेज कर दी है। पार्टी अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पत्र लिखकर अपर मुख्य सचिव से लेकर थानेदार तक के पदों पर दलित अफसरों की तैनाती का हिसाब मांगकर घेराबंदी की है।
चंद्रशेखर ने पत्र नियुक्ति विभाग, गृह विभाग और डीजीपी को भी भेजा है, जिसमें इस बाबत जानकारी मुहैया कराने को कहा है। साथ ही, दलितों के साथ होने वाले भेदभाव और अन्याय का जिक्र करते हुए लिखा कि वर्तमान में इन अहम पदों पर काबिज अधिकारियों द्वारा दलितों के साथ होने वाले अन्याय को लेकर लचर रवैया अपनाने का भी आरोप लग रहा है। बता दें कि चंद्रशेखर ने बीते दिनों लखनऊ में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत के बाद परिजनों से मुलाकात भी की थी जबकि बसपा का कोई भी कद्दावर नेता मिलने नहीं गया था।
22 फीसद आबादी के साथ अन्याय
चंद्रशेखर ने लिखा कि प्रदेश में दलितों की करीब 22 फीसद आबादी है, जिसके साथ जाति आधारित उत्पीड़न, शोषण और अत्याचार हो रहा है। उन्हें थाने से भगा दिया जाता है। पुलिस अभद्रता से पेश आती है। मुकदमा नहीं लिखा जाता है और मजबूर होने पर तहरीर बदल दी जाती है और कमजोर धाराएं लगाई जाती हैं।
इन पदों पर दलितों की तैनाती का मांगा हिसाब
मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी, एडीएम, थानेदार।
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