अनुराग हत्याकांड के सभी छह अभियुक्तगण सम्मान के साथ पहुंच गए सलाखों के पीछे, पुलिस की भूमिका पर उठ रहे है सवाल
जौनपुर। थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस ने जनपद के कबीरुद्दीनपुर गांव में विगत 30 अक्टूबर को ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव हत्याकांड का सभी छस आरोपियों को सम्मान के साथ जेल तथा बाल सुधार गृह में पहुंचा दी है। सभी के गिरफ्तारी की कहांनी अलग अलग गढ़ी लेकिन सच यह है कि पुलिस और हत्यारो के बीच हुए तालमेल के चलते सभी हत्यारे खुद ब खुद थाने पर खुद को समर्पित किये है। थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस ने अपने अभिलेख में छठवें अभियुक्त के गिरफ्तारी का दावा करते हुए जो कहांनी तैयार की है उसके अनुसार हत्याकांड के छठवें अभियुक्त के पास से हत्या में प्रयोग किया गया तलवार, एक रिवाल्वर भी बरामद होने का दावा पुलिस ने किया है। इससे पूर्व इस जघन्यतम हत्याकांड के पांच आरोपी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
बतादे विगत कि बीते 30 अक्टूबर को गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के कबिरुद्दीनपुर गांव निवासी ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की जमीनी विवाद में दबंग पड़ोसियों ने तलवार से हमला करके उसके गर्दन को काटकर धड़ अलग कर दिया था जिससे उसकी मौत हो गई। पलभर में नवोदित खिलाड़ी की जीवन खत्म हो गया। नवयुवक का सिर धड़ से अलग होने की खबर मिलते ही पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। परिवार वालो ने इस दिल दहला देने वाली घटना में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमे मुख्यारोपी सहित पांच लोगों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है ।
सीओ केराकत अजित कुमार ने बताया कि इस मामले के छठवें आरोपी लालमोहन यादव पुत्र स्व. फेरु यादव निवासी ग्राम कबीरुद्दीनपुर थाना गौराबादशाहपुर को अमरा व असवारा जाने वाले मार्ग पर नहर की पटरी से पुलिस ने बीती रात मुखबीर की सूचना पर गिरफ्तार किया है । अभियुक्त लालमोहन के बताये गये स्थान से घटना मे प्रयोग किया गया 1 तलवार मय म्यान व एक नाजायज रिवाल्वर प्रतिबन्धित बोर .38 बोर बरामद किया गया । इसी के साथ हत्याकांड में शामिल सभी 6 नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो गयी है। पुलिस ने लाल मोहन यादव को मुअसं 250/ 24 ,धारा 3, 191(3),131,103(2), 61(2) (ए) तथा 07 सीएलए एक्ट के तहत जेल रवाना कर दिया गया है।
इस घटना के दो नाम जद नाबालिक अभियुक्त सूरज और शशांक को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। अब पुलिस अपनी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त मान रही है। इस हत्याकांड की घटना के बाद थाना गौराबादशाहपुर पुलिस की भूमिका को लेकर ग्रामीण जनो के बीच जो किरकिरी हुई है उसका कोई पुरसाहाल नहीं है। इसके बाद भी पुलिस अपने तर्क के जरिए अपनी पीठ अपने से ही थपथपा रही है। मृतक अनुराग यादव की दोनो बहने और ग्रामीण जन न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने वही किया जो अभियुक्तो के साथ नहीं करना चाहिए। अब इस हत्याकांड के सभी नाम जद अभियुक्त गण जेल की सीखचों में कैद हो चुके है अब जनपद वासियों की दृष्टि न्याय पालिका टिक गई है कि न्यायपालिका कब और क्या तथा कैसा न्याय इस जघन्यतम हत्याकांड के बाबत करेगी।
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