परीक्षा के समय उड़ाका दल जबरन वसूली का बनाते थे दबाव, विरोध करने पर झूठी रिपोर्ट लगाकर करा दिए डिबार - दिनेश तिवारी
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्रों से कुछ स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को डिबार किए जाने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधन महासंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले का कड़ा विरोध किया। इसे लेकर स्ववित्तपोषित प्रबंधक महासंघ द्वारा ज्ञापन दिया गया।
महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार तिवारी ने आरोप लगाया कि परीक्षा समिति ने एकतरफा निर्णय लेते हुए महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र से डिबार कर दिया। इस प्रक्रिया में न तो महासंघ के किसी पदाधिकारी को सूचित किया गया और न ही संबंधित महाविद्यालय के प्रबंधक या प्राचार्य को जानकारी दी गई।
महासंघ का कहना है कि बिना किसी ठोस आधार और पक्ष सुनवाई के इस तरह के फैसले गलत हैं। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक को पत्र सौंपते हुए महाविद्यालयों की दोबारा जांच कर निष्पक्षता से निर्णय लेने की मांग की। महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि इन महाविद्यालयों को फिर से परीक्षा केंद्र के रूप में बहाल नहीं किया गया, तो वे व्यापक विरोध-प्रदर्शन करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
महासंघ व महाविद्यालयों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। इस मौके पर प्रबंधक महासंघ के महामंत्री सूर्यभान यादव, सुनील कुमार सिंह, अरविंद सिंह, रामानंद आदि मौजूद रहे।
इसी बीच, कुछ महाविद्यालयों ने भी विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिख कर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि सत्र 2023-24 की सेमेस्टर परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त उड़ाका दल ने उन पर जबरन वसूली का दबाव बनाया। विरोध करने पर उड़ाका दल ने झूठी रिपोर्ट देकर उन्हें परीक्षा केंद्र से डिबार करवा दिया।
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