छात्रो के आन्दोलन के आगे झुका लोक सेवा आयोग, वन डे वन शिफ्ट की मांग किया स्वीकार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) छात्रों के आंदोलन के आगे झुक गया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। आयोग के भीतर हुई बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे चली बैठक के बाद आयोग ने छात्रों के पक्ष में फैसला लिया। फिलहाल पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने की मांग मानी गई है। आरओ-एआरओ पर फैसला कमेटी के रिपोर्ट के बाद होगा। पीसीएस परीक्षा सात और आठ दिसंबर को प्रस्तावित है। अब इसे एक दिन में कराने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
छात्रों की मांग मानने के अलावा आयोग के पास कोई रास्ता नहीं था। छात्र एक ही मांग पर अड़े थे कि परीक्षा एक दिन एक ही शिफ्ट में कराई जाए। मांग मानने के बावजूद आयोग ने अभी तक नोटिस जारी नहीं किया है। छात्रों को नोटिस का इंतजार है। आयोग के सचिव के अनुसार पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराई जाएगी, जबकि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संबंध में कमेटी अगला निर्णय लेगी।
सचिव की घोषणा के बाद भी प्रतियोगी छात्रों का धरना खत्म नहीं हुआ है। छात्र आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराने और पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने का नोटिस जारी करने की मांग पर अड़े हैं।
पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षा दो-दो दिन में कराने के आयोग की घोषणा के बाद सोमवार से छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर चलाए गए कैंपेन में करीब ढाई लाख छात्र शामिल हुए थे और यह एक्स पर एक नंबर पर ट्रेंड करता रहा।
आयोग के इतिहास में पीसीएस और आरओ-एआरओ की परीक्षा पहली बार दो दिन में कराने का शेड्यूल जारी किया गया था। इससे पहले पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन में करा ली जाती थीं और परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी अभ्यर्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते थे। ऐसे में एक समान मूल्यांकन की अलग से कोई जरूरत ही नहीं पड़ती थी। पहली बार परीक्षाएं दो दिन में होंगी, इसके कारण आयोग को नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी।
पीसीएस परीक्षा के लिए 5,75,154 अभ्यर्थी और आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। शासन की ओर से 19 जून 2024 को आदेश जारी किया गया था कि एक पाली में अधिकतम पांच लाख अभ्यर्थी हों। इससे अधिक परीक्षार्थी होने पर कई पालियों में परीक्षा कराई जाए। पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।
पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
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