आखिर नेशनल स्तर के खिलाड़ी के हत्यारो के प्रति पुलिस उदार क्यों है ? क्षेत्र की जनता एवं पीड़ित परिजन उच्चाधिकारी से चाहते है जबाव



नेशनल खिलाड़ी के हत्यारे अभियुक्त के प्रति पुलिस संरक्षणात्मक कार्रवाई से जन मानस में गुस्सा,पुलिस पर उठ रहे है सवाल आखिर प्राइवेट वाहन से अभियुक्त क्यों भेजा गया जेल 

जौनपुर। एक तरफ तो पुलिस अपराध रोकने के लिए छोटे मोटे अपराधियों के खिलाफ आपरेशन लंगड़ा सहित सीधे मुठभेड़ में मार गिराने तक का अभियान चलाने की दम्भ भरती है वहीं दूसरी ओर जघन्यतम अपराध के अभियुक्त को किसी नजदीकी रिस्तेदार की तरह पूरे सम्मान के साथ प्राइवेट वाहन से जेल में कैद कराये तो पुलिस प्रशासन सहित जिम्मेदार जनो पर सवाल उठना लाजिमी है। जी हां हम बात कर रहे है जनपद के थाना गौराबादशाहपुर क्षेत्र स्थित ग्राम कबीरूद्दीनपुर में महज डेढ़ बिस्वा सरकारी बंजर जमीन के लिए राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी की तलवार से जघन्यतम हत्या करने वाले अभियुक्त को पुलिस की कारगुजारी की। पुलिसिया कार्रवाई पर अब जन मानस के बीच सवाल उठने लगे है कि आखिर वह कौन सा कारण था कि पुलिस ने जघन्यतम अपराध करने वाले अभियुक्त को सम्मान के साथ जेल पहुंचा दिया है।
यहां बता दे कि विगत 30 अक्टूबर को जौनपुर के थाना गौराबादशाहपुर क्षेत्र स्थित ग्राम कबीरूद्दीनपुर में महज डेढ़ बिस्वा सरकारी जमीन के लिए सुबह 7.15 बजे तलवार से किशोर युवक अनुराग यादव जो ताइक्वांडो का नेशनल खिलाड़ी था की हत्या की घटना से गांव, जिला ही नहीं बल्कि पूरे यूपी में हलचल मच गई और सत्ता से लेकर विपक्ष तक घटना की निन्दा करते हुए हत्यारे को कठोरतम दण्ड की मांग करने लगे थे। यहां तक कि घटना के दिन घटनास्थल पर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अफसर अभियुक्त के खिलाफ कठोरतम दण्डात्मक कार्यवाई की वकालत शुरू कर दिए दिए थे।  पुलिस अधीक्षक ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए अपनी सर्विस रिवाल्वर के साथ अभियुक्त के घर का दरवाजा तोड़कर हत्यारे रमेश यादव के पिता लालता को गिरफ्तार किया। अधिकारियों के बयान से जन मानस को लगा कि पुलिस प्रशासन का अभियुक्त के खिलाफ कड़ा ऐक्शन होगा। लेकिन अभियुक्त को जेल भेजने की पुलिसिया कार्रवाई से जन मानस के विश्वास को जबरदस्त झटका दे दिया है।
यहां बता दें कि 30 अक्टूबर 24 को सुबह जघन्यतम अपराध को अंजाम देने के बाद मुख्य अभियुक्त रमेश यादव घटनास्थल से फरार हो जाता है घटना की चर्चा पूरे में होने लगती है। 31 अक्टूबर 24 को मुख्य अभियुक्त लखनऊ में अलीगंज थाने पर पहुंच कर पुलिसिया साजिश के तहत पुलिस के हवाले हो जाता है। इसके बाद अलीगंज की पुलिस से गौराबादशाहपुर की पुलिस अभियुक्त रमेश यादव सहित सूरज यादव नाबालिक को लेकर 01 नवंबर 24 को सुबह गौराबादशाहपुर पहुंचती फिर जघन्यतम हत्याकांड के अभियुक्त रमेश यादव को पूरे सम्मान के साथ प्राइवेट वाहन से न्यायालय भेजते हुए जेल पहुंचा देती है। नाबालिक को बाल सुधार गृह भेज दिया गया।

पुलिस का अभियुक्त के साथ जो व्यवहार किया गया उससे जन मानस के बीच पुलिस पर सवाल उठने लगे है। आखिर जघन्यतम अपराध करने वाले के खिलाफ घटना के दिन जबरदस्त गुस्सा दिखाने वाली पुलिस उसे इतना अधिक सम्मान के साथ जेल क्यों और किस वजह से पहुंचायी है। कबीरूद्दीनपुर गाँव के प्रधान ने बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस छोटे मोटे अपराधी चोर उचक्का को पैर में गोली मारकर लंगड़ा कर देती है लेकिन जघन्यतम अपराध कारित करने वाले अपराधी को नजदीकी रिस्तेदार की तरह जेल भेजा है। जन मत है कि अनुराग के हत्यारे रमेश यादव का एक भाई पुनीत विभाग में नौकरी करता है। उसी की साजिश में आकर जौनपुर से लेकर लखनऊ तक की पुलिस ने दिल दहला देने वाली अपराधिक घटना कारित करने वाले अभियुक्त जेल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
जबकि नेशनल खिलाड़ी की हत्याकांड के गम में घटना के चार दिन बाद भी कबीरूद्दीनपुर गाँव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस द्वारा लग्जरी वाहन से जघन्यतम हत्याकांड के अपराधी को जेल भेजने के बाद धर्मापुर आस पास के ग्रामीण थानाध्यक्ष सहित पुलिस के खिलाफ अपशब्दो का प्रयोग करते हुए आलोचना कर रहे है और सीधे तौर पर पुलिस को बिकने का आरोप लगा रहे है। मृतक अनुराग यादव के चचेरे भाई एवं मुकदमा वादी रामजस यादव एवं दोनो बहन स्वाती और आराधना ने बताया कि घटना के तीन दिन पहले रमेश यादव अभियुक्त के पिता लालता यादव थाना गौराबादशाहपुर गये थे और थानेदार से गुफ्तगू किए थे। इतना ही नहीं हत्याकांड की घटना के लगभग एक सप्ताह पूर्व थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस हत्यारो से इतनी प्रभावित थी कि मृतक अनुराग यादव और मुझे (रामजस) को शान्ति भंग के आरोप में चालान किया था राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अनुराग यादव को भद्दी भद्दी गालियों से नवाजा था।
हत्याकांड की घटना के मुख्य अभियुक्त रमेश यादव को लग्जरी वाहन से सम्मान के साथ जेल पहुंचाने की कार्रवाई से थाना गौराबादशाहपुर के थानाध्यक्ष सवालो के कटघरे में है। रामजस यादव ने एसपी से सवाल किया कि छोटी मोटी घटना होने पर अक्सर थानेदार को लाइन हाजिर कर देते है इतनी बड़ी जघन्यतम हत्याकांड हो गया लेकिन थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर के खिलाफ कोई कार्रवाई पुलिस अधीक्षक ने क्यों नहीं किया है। रामजस सहित मृतक अनुराग यादव की बहने पुलिस के उपर बिकने का खुला आरोप लगा रही है। क्षेत्र में इस बात की भी चर्चा खुले आम हो रही है कि गौराबादशाहपुर की पुलिस हत्यारे रमेश यादव का दरोगा भाई राजेश यादव भी पुलिस के संज्ञान में है उसे गिरफ्तार करने के बजाय उसको संरक्षण दिया जा रहा है। जो भी हो इस हत्याकांड के अभियुक्तो के प्रति पुलिसिया संरक्षण को लेकर पूरे इलाके में पुलिस विभाग की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। अब पीड़ित परिवार को ईश्वर पर न्याय पाने का भरोसा है।
यहां पर थाना गौराबादशाहपुर की पुलिस की एक और कहानी पर लोग पुलिस पर सवाल खड़ा कर रहे है कि जब घटना के ही दिन पुलिस अधीक्षक ने हत्यारे रमेश यादव के पिता लालता यादव को घर का दरवाजा तोड़कर गिरफ्तार किया था तो उसकी गिरफ्तारी कहीं और दिखाने की जरूरत क्या और क्यों हुई। पुलिस अधीक्षक का बयान भी आया है कि लालता घर में छिपा था गिरफ्तार किया गया है। घटनास्थल पर सैकड़ो लोगो ने घर के अंदर से गिरफ्तार करते देखा है फिर थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर ने गिरफ्तारी की नयी और अलग की कहांनी क्यों गढ़ी है।

Comments

  1. Yahi sab hota hi hai,
    Ab mujhe mere padosi ne ya patidaro ne Jamin ke vivad me mar diya to jyada se jyada kya hoga.
    Vo jail Chale jayenge kuchh Salo bad bahar aakr ghumenge.
    Lekin mai to vapas nahi aa paunga na.
    Hamare samvidhan me ye hai ki kanun sabke liye ak hai lekin kanun sirf powerful aur paise valo ka hai
    Ab to aisa ho gaya hai ki agar aap ke ghar Me koi problem hai kahi sunvai nahi ho rahi hai to sidhe live aakr apni problem share karke susite kar lo bhale hi aap Chale jao, but isase apki taraf sabka dhyan to ayega na.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार

त्योहार पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं हर स्थित से निपटने के लिए बलवा ड्रील का हुआ अभ्यास,जाने क्या है बलवा ड्रील

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई