पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इन दो शिक्षको को नौकरी से निकाल दिया गया, जानिए कारण
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को अनैतिक कार्यों के चलते कार्यमुक्त कर दिया गया है। सोमवार को हुई कार्य परिषद की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया। दोनों शिक्षकों पर कई तरह के आरोप थे। कार्य परिषद के इस निर्णय पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं रहीं।
कार्य परिषद की आपातकालीन बैठक ऑफलाइन और ऑनलाइन कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में हुई। विचार विमर्श के बाद परिषद ने फैसला लिया कि दोनों शिक्षकों पर आरोप गंभीर हैं। इसमें एनवायरमेंटल साइंस के शिक्षक डॉ. सुधीर उपाध्याय एवं फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ. विनय वर्मा को शिक्षा सेवा से कार्यमुक्त कर दिया गया।एनवायरमेंटल साइंस की कई छात्राओं ने शिक्षक डॉ. सुधीर उपाध्याय के ऊपर मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया था और यह सिलसिला बढ़ता गया। इस मामले का ऑडियो भी वायरल हुआ, जिस पर कुलपति ने एक कमेटी का गठन किया। हालांकि कमेटी ने आरोपी शिक्षक के पक्ष में ही रिपोर्ट दे दी, लेकिन कार्य परिषद की बैठक में मामले को रखा गया। दोनों शिक्षकों का छात्रों के प्रति आचरण काफी दिनों से गलत पाया गया। कई बार शिकायत थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए परिषद ने उनके शिक्षा सेवा से कार्य मुक्त कर दिया। दूसरा मामला फार्मेसी संस्थान के डॉ. विनय वर्मा का था, जिन पर गलत ढंग से मूल्यांकन करने और शिक्षकों के साथ मारपीट करने, करवाने का आरोप था, जिस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसमें भी परिषद ने संज्ञान लेते हुए फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ. विनय वर्मा को कार्यमुक्त कर दिया। इसके अलावा पिछले दिनों हुई विद्या परिषद अध्ययन परिषद परीक्षा समिति की बैठकों की पुष्टि की गई। बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस मौके पर प्रो. जगदीश सिंह दीक्षित, प्रो. अजय द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, डॉ. मोहन पांडे, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. मनीष गुप्ता आदि शामिल रहे।
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