जनपद न्यायाधीश गाजियाबाद को किया जाए निलंबित : मधुसूदन त्रिपाठी




जौनपुर।  उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने गाजियाबाद जिला जज के आदेश पर कचहरी परिसर में मंगलवार को अधिवक्ताओं पर किए गए बर्बर लाठी चार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है और पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच एवं जनपद न्यायाधीश गाजियाबाद को निलंबित करके तत्काल स्थानांतरित करने के साथ ही घायल अधिवक्ताओं को उपचार हेतु दो-दो लाख रुपये सहायता देने की सरकार से माँग किया। 
बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने आज एक पत्र जारी करके कहा है कि वर्तमान सरकार में पुलिस निरंकुश हो गई है। उन्होंने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री यह बयान  देते हैं कि "ठोक दो" इससे पुलिस में बर्बरता की भावना आ गई है और वह यह जानते हैं कि पुलिस का कुछ भी बाल बांका होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक आदेश पारित किया कि अधिवक्ता हड़ताल करेंगे तो उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन हाई कोर्ट ने यह नहीं बताया कि जिला जज और अधीनस्थ न्यायिक अधिकारी जनहित एवं कानून की परिधि में रहकर कार्य नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कौन सी कार्रवाई होगी ? क्या उच्च न्यायालय ऐसे जजों को निलंबित करेगी और उन पुलिस वालों पर कानूनी कार्रवाई करेगी जो अधिवक्ताओं को लहूलुहान  किए हैं।
श्री त्रिपाठी ने ऑल इंडिया बार काउंसिल के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष से यह अनुरोध किया है कि गाजियाबाद की घटना का अबिलम्ब संज्ञान लेते हुए पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं को एकजुट करने का आवाहन करें एवं इस घटना का प्रबल विरोध का आवाहन करते हुए न्यायिक कार्यों में असहयोग तब तक करें जब तक जनपद न्यायाधीश गाजियाबाद और लाठी चार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों को दंडित न किया जाए।

Comments

Popular posts from this blog

पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने वापस ली याचिका ,हाईकोर्ट ने नए सिरे से जनहित याचिका दाखिल करने की दी अनुमति,जानें क्या है विवाद

ब्लाक प्रमुखों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संशोधित कानून पर हाईकोर्ट की मुहर, जानें क्या दिया आदेश

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई