जांच के दौरान मिली नकली दवाएं, औषधि निरीक्षक सवालो के कटघरे में,आखिर क्यों और किसके सह पर बिक रही नकली दवाएं
जौनपुर। पूरे देश से जांच के दौरान मिली बड़ी संख्या में नकली और अधोमानक दवाओ की खबर के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर में औषधि निरीक्षक चंद्रेश द्विवेदी द्वारा जांच अभियान शुरू किया गया। ओलंदगंज, चौक के मेडिकल स्टोर्स पर पहुंचकर उन्होंने मेडिकल स्टोर्स , दवाओं और उनकी खरीद बिक्री की जांच की। जनपद के अग्रणी दवा व्यवसायी संगठन केमिस्ट एंड फार्मेसी वेलफेयर एसोसिएशन ने जांच के तरीके पर सवाल उठाते हुए नगर में जांच के दौरान अपना विरोध जताया और बिना योजना की जा रही इस जांच को खानापूर्ति बताया। संगठन के महामंत्री राजेंद्र निगम ने औषधि निरीक्षक चंद्रेश द्विवेदी से कहा कि बिना योजना जांच चलाना उचित नहीं है और जांच के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की विभाग को अपने स्तर से अधोमानक, नकली और मनोपाली तथा सेटिंग की दवा के सौदागरों को चिन्हित करना चाहिए और उन पर नकेल कसनी चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि मनोपली और सेटिंग की दवाएं प्रायः घटिया और अधोमानक होती है और ज्यादा मुनाफे और कमीशन के लालच में नर्सिंग होम और सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इन्हें चलाया जाता है।
केमिस्ट एंड फार्मेसी वेलफेयर एसोसिएशन ने जनपद के दवा व्यवसाइयों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जिन 58 दवाओं का नमूना फेल हुआ है उन्हें लिस्ट से मिलाकर स्वयं चेकिंग कर ले और उनमें से अगर कोई दवा उन्हें संदिग्ध दिखती है तो उसे अपने डीलर को वापस कर दें। साथ ही साथ भविष्य में दवाओं की खरीद पक्की बिल पर और जिम्मेदारी डीलर से ही खरीदें।
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