कोर्ट के आदेश पर भगवान राम लक्ष्मण और हनुमान अब निकलेंगे हवालात से बाहर, जानिए क्या पूरी कहांनी



जनपद आजमगढ़ स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से 1999 में भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गईं थीं। पुलिस ने मूर्तियां तो बरामद कर ली, लेकिन ये मूर्तियां थाने के मालखाने में बंद हैं। विगत 26 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया है। अब फिर से पूरे विधिविधान से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां उनके मन्दिर में स्थापित की जाएंगी।
जिला मुख्यालय से तकरीबन 15 किमी दूर निजामाबाद कस्बे से सटकर सेंटरवा मार्ग पर गौसपुर ग्राम सभा में तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम हिंदू आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां दर्शन-पूजन के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में पहुंचने वाले लोग तमसा और कुंअर नदी के संगम पर डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि यहां हवन- पूजन और दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां अष्टधातु की भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां हैं। 1996 में मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गईं। जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया और उन्हें दोबारा स्थापित किया गया। इसके बाद से यहां पुलिस चौकी के स्थापना की मांग उठने लगी। पुलिस चौकी तो स्थापित नहीं हुई, लेकिन उसके पहले 1999 में चोरों ने फिर मूर्ति चुरा ली। पुलिस ने दूसरी बार भी मूर्तियां बरामद कर ली, लेकिन उन्हें थाने के मालखाने में जमा करा दिया। मूर्तियां बाहर लाने के लिए मंदिर के पुजारी कोर्ट में केस लड़ रहे थे। 26 सितम्बर 24 को 25 साल बाद कोर्ट ने इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने का आदेश दिया। आदेश होते ही क्षेत्र में खुशी की लहर है। अब मंदिर के पुजारी मूर्ति को फिर से स्थापित करने के प्रयास में जुट गए हैं। वहीं लोगों का कहना है कि इस बार भगवान राम 25 साल का वनवास काटकर अपने धाम आ रहे हैं। उनका भव्य तरीके से स्वागत किया जाएगा और विधि विधान से स्थापना की जाएगी।

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