अनवरत बरसात से किसानो के माथे पर चिन्ता की लकीरें, नदी का जल स्तर उठा सड़के धंसी,बाढ़ आने की संभावना


जौनपुर। विगत 24 घन्टे से पूर्वांचल ही नहीं लगभग पूरे यूपी में मानसून ने ऐसी घेरा बन्दी की है कि आम जनमानस से लेकर किसानो के माथे पर चिन्ता की लकीरें नजर आने लगी है। इतना ही नहीं नदी नाले सभी बहने लगे है नदी का जल स्तर इतना तेज बढ़ रहा है कि नदी के तट पर निवास करने वाले सुरक्षित ठिकानो की तलाश शुरू कर दिए है।
यहां बता दें कि विगत दो दिनों से मानसून पूर्वांचल सहित लगभग पूरे यूपी में छाया हुआ है। पूर्वी और तराई क्षेत्रों समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। कहीं कहीं अत्यधिक भारी बारिश और खेतों में जलभराव से धान, अरहर, मूंगफली और हरी सब्जियां उगाने वाले किसानों के माथे पर अब चिंता की रेखाएं हैं। उन्हें इस मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं से फसल के खराब होने और नुकसान का डर सता रहा है।
शनिवार की सुबह यूपी के तराई क्षेत्र के महराजगंज, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर व आसपास के इलाकों में गरज चमक के साथ जमकर बरसात हुई। इस दौरान 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वा हवाएं भी चलीं। फिर पूर्वांचल के जिलो में भारी बारिश और तेज हवाओं के असर से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। लोगों को हवा में  ठंडक का एहसास हुआ। शनिवार के लिए पूर्वी यूपी और तराई और अवध क्षेत्र के लगभग 30 से 40 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रविवार को भी मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं। इसके बाद मानसून के कमजोर पड़ने के संकेत हैं।शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान महज 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।
मौसम वैज्ञानिक एम दानिश के मुताबिक रविवार को भी पूर्वांचल के जिलो में बूंदाबांदी की संभावना है। इसके बाद बारिश के कमजोर पड़ने के आसार हैं। सोमवार से मौसम साफ होगा। हालांकि, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अगले दो दिन छिटपुट बारिश के जारी रहने की संभावना है।
इस बरसात का असर नदी नालो पर साफ नजर आने लगा है जनपद से बहने वाली नदी गोमती ,सई और बसुई में पानी का जल स्तर दो दिन में लगभग दो से ढाई फिट तक उपर आ गया है नदी का पानी अब नालो के रास्ते ग्रामीण इलाको की बस्तियों की ओर रुख कर लिया है। जिसके कारण तराई क्षेत्रो में निवास करने वाले लोग सुरक्षित ठिकानो की तलाश शुरू कर दिए है। शहर की सड़को का खासा बुरा हाल बरसात ने कर दिया है। शहर की सड़को की खुदाई एसटीपी योजना के तहत होने के कारण जगह जगह पर धंसने से यातायात व्यवस्था चरमराती दिख रही है। जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने वह तकनीकी बात बताते हुए कहते है सड़क की खुदाई के बाद एक दो बरसात समस्या रहती है जब मिट्टी पूरी तरह से बैठ जायेगी तो सड़क धंसने की समस्या दूर हो जाएगी। 

Comments

Popular posts from this blog

घूसखोर लेखपाल दस हजार रुपए का घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, एन्टी करप्शन टीम की कार्रवाई

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार