सर्पदंश से बचाव पर आयोजित हुआ सेमिनार, जानिए क्या बताये गए सर्पदंश के लक्षण
जौनपुर। राष्ट्रीय सर्पदंश कार्यक्रम के अन्तर्गत अन्तराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें समस्त सामु0/प्रा0स्वा0केन्द्र द्वारा एवं कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रतिभाग किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि सॉप की प्रजातियों के बारे में बताया गया कि भारत में पाये जाने वाले 15 प्रतिशत सॉप ही विषैला/जहरीला पाये जाते है जबकी 85 प्रतिशत सॉप विषहीन होते है। सॉप काटने पर शरीर पर दो निशान पाये जाते है दोनों निशान के बीच में लगभग 1 से0मी0 से 2.5 से0मी0 गैप पाया जाता है। जहरीले सॉप के निशान गहरें होते है। जिसकी गहरायी 2 से 7 मि0मी0 मे पायी जा सकती है। जहरीलें सॉप का मुॅह चौड़ा होता है जबकि जो विषहीन सॉप होते है उनका मुॅह चौड़ा नहीं होता बल्कि लम्बा होता है अगर सॉप जहरीला नहीं है तो उसके काटने के छोटे-छोटे कई निशान बने होगें जो ज्यादा गहरें होते है।
नोडल अधिकारी/उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संतोष कुमार जायसवाल द्वारा विस्तार से बताया गया कि वर्ष 2020 से अध्ययन से भारत में लगभग 58 हजार सॉप काटने के केस पाये जाते है। जबकि वास्तविक संख्याएं इससे अधिक हो सकती है। उसकी एक वजह यह है कि उपचार के लिये ग्रसित मरीज स्वास्थ्य केन्द्र तक नही पहॅुच पाता है बल्कि वह झाड़-फूक के चक्कर में कई बार लोग अपनी जान तक गवॉ बैठते है। जबकि जागरूकता के माध्यम से किसानों एवं ग्रामीण सामुदायों को सर्पदंश की महत्व को बताते हुये जान बचाया जा सकता है इसलिये सॉप काटने की स्थिति में अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाये और सर्पदंश का टीका लगवायें।जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डा0 जिआउल हक द्वारा बताया गया कि सर्पदंश के दौरान क्या करें क्या ना करें तथा बचाव हेतु सुझाव दिया गया।
क्या करें - घाव को साबुन एवं साफ पानी से धोयें, साते समय खाट, बेड एवं नेट का प्रयोग करें, शरीर के प्रभावित हिस्सें से अंगूठियॉ, घड़ी, आभूषण, जूत व तंग कपडे़ इत्यादि को हटा दें, सांप के रंग और आकार को देखने एवं याद रखने की कोशिश करें, पीड़ित व्यक्ति को यह भरोसा दिलाये 85 प्रतिशत सॉप जहरीलें नही होते, रात्रि समय अंधरे में लाईट/टार्च का प्रयोग करें, तुरन्त 108/102 पर एम्बुलेंस के लिये कॉल करें, अंधरे में खेत में जाते समय लम्बी छड़ी का प्रयोग करें, पीड़ित व्यक्ति को नजदीकीय चिकित्सालय ले जायें, जहॉ पर डाक्टर एवं एन्टीवेनम उपलब्ध हो।
क्या ना करें - झाड़-फूक/सपेरे व तांत्रिक के चक्कर में न पड़े, सॉप के जहर को किसी चूस कर निकालने की कोशिश न करें, यदि लम्बे जूतें न पहने हो तो ऊची घास वाले स्थानों से दूर रहे, सॉप को पकड़ना या मारना नहीं चाहिये, सर्पदंश के लक्षण दिखने का इंतजार न करें, पीड़ित व्यक्ति को सोने न दें, सर्पदंश व्यक्ति को घबराहट ने होने दे, किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया न करने दें, घाव के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करें।उक्त बैठक में अपर मु0चि0अ0 डा0 बी0सी0 पन्त, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 डी0के0 सिंह उपस्थित रहे।
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