लेखपाल और उसके परिवार के अपहरण का असली सच क्या है ? सीओ कहते है घटना हुई,अपर पुलिस अधीक्षक कहते है नहीं हुई



जौनपुर। जिले के थाना मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र में कारसवार बदमाशों द्वारा लेखपाल सहित उसकी पत्नी और ससुर के अपहरण की घटना वायरल होते ही पुलिस जनो सहित राजस्व विभाग के अन्दर हड़कंप मच गया बदमाशों ने बच्चों को छोड़ दिया। हलांकि अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र सिंह ने घटना को झूठा करार देते हुए चन्द घन्टो के बीच अनावरण का बयान दिया है।
यहां बता दें कि जनपद के बदलापुर तहसील में तैनात लेखपाल वीरपाल अपने परिवार के साथ मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के जयपालपुर गांव में किराए के मकान में रहते है। लेखपाल के परिवार से खबर वायरल की गई कि पिता,पति-पत्नी को कार सवार बदमाशों नेअपहरण कर लिया इस घटना की खबर वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं बदमाशों ने बच्चों को छोड़ दिया। तत्काल कई थानो की पुलिस छानबीन में जुट गयी।  अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र सिंह का बयान आया कि घटना झूठी थी जब पुलिस ने छानबीन शुरू किया तो लेखपाल के पिता और परिवार के लोग घर के पिछले हिस्से में छिपे मिले और लेखपाल तथा उनकी पत्नी प्रयागराज के सारन नामक अस्पताल में भर्ती मिले दोनो एक दुर्घटना में घायल हो गए थे इसकी पुष्टि खुद लेखपाल ने की थी। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लेखपाल और उसके परिवार ने ऐसा क्यों किया इसकी छानबीन की जा रही है।
हलांकि घटना को लेकर वायरल कहांनी में चर्चा इस बात की है कि लेखपाल और अपहरण कर्ताओ के बीच पैसे के लेन देन का मामला है। मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के चका जयपालपर गांव में जीतलाल पटेल के मकान में बतौर किरायेदार रह रहे लेखपाल पति पत्नी और पिता का अपहरण कर लिया गया है। कार सवार बदमाशों ने सोमवार/ मंगलवार की अर्ध रात को घर के सामने गाड़ी खड़ी कर दरवाजा खटखटाया। घर के लोगों ने दरवाजा खोला तो बदमाश लोगों पर टूट पड़े और लेखपाल वीरपाल (38), पत्नी दीपा  (35) एवं लेखपाल के पिता भागीरथी (60) का अपहरण कर लिया और कार में लेकर फरार हो गए। जबकि पुत्री अनन्या (10) व पुत्र आरव (07) को छोड़ दिया।सभी भाने मऊ थाना बहरिया प्रयागराज के रहने वाले हैं। रात को अपहरण की सूचना मिलते ही मुंगराबादशाहपुर, पंवारा, सुजानगंज की पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन अपहरणकर्ता का कोई सुराग नहीं मिला। इस बाबत सीओ मछलीशहर गिरेन्द्र सिंह का कहना है कि अपहरण का मामला सही है, लेकिन इस प्रकरण में लेन- देन का विवाद हो सकता है। मामले को लेकर पुलिस महकमे में जहां हड़कंप मचा हुआ है। वही गांव में सन्नाटा पसरा है। बच्चे डरे सहमे हुए हैं। इस तरह घटना के तत्काल बाद सीओ के बयान और अपर पुलिस अधीक्षक के बयान से यह तो स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि घटना कारित हुई है पुलिस इस घटना के सच को दबाने में लग गई है।

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