सवाल:आखिर संसदीय अध्ययन समिति की बैठक जौनपुर के बजाय वाराणसी में क्यों की गई, कहीं कागजी बाजीगरी का खेल तो नहीं


जौनपुर। सभापति संसदीय अध्ययन समिति, उत्तर प्रदेश विधान परिषद सुरेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में तथा समिति के सदस्यों की उपस्थिति में सर्किट हाउस वाराणसी में जिलाधिकारी जौनपुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। यह बैठक जौनपुर में क्यों नहीं की गई यह एक बड़ा सवाल समिति के अध्यक्ष के प्रति उठता है।
बैठक में जनपद जौनपुर की समीक्षा के दौरान पंचायती राज विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न गावों में बारात घर बनाने की योजना पर समाज कल्याण द्वारा कार्य किया जा रहा है, बारात घर बनाने की कोई योजना पंचायती राज विभाग में नहीं है। सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा कुल 13 पत्र प्राप्त हुए थे जिसमें सभी का निस्तारण करा दिया गया है तथा नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया जा रहा है तथा आगामी महीनों में नहरों की सफाई कराने का कार्य भी किया जायेगा। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनपुर द्वारा अवगत कराया गया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्रों पर यथोचित कार्यवाही की जा रही है। समिति द्वारा कहा गया कि सभी कार्यालयों में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्र का एक रजिस्टर अलग से बनाया जाये, जिसमें इससे सम्बन्धित समस्त पत्रों के विवरण सहित कृत्य कार्यवाही अंकित हो ताकि पत्रों के जवाब के संबंध में जानकारी मिल सके तथा जवाब नहीं देने पर सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय की जा सके।
पशुपालन विभाग द्वारा राजकीय पशु सेवा केंद्र बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों के पत्रों के सापेक्ष कुछ केंद्रों का निर्माण शुरू हो चुका है तथा कुछ के लिये बजट स्वीकृत होने के उपरांत कार्यदायी संस्था का चयन हेतु प्रस्ताव लंबित है। सदस्यों द्वारा निर्देशित किया गया कि सड़कों पर छुट्टा पशु नहीं घूमने पाये इस संबंध में सभी प्रयास करते हुए पशुओं को गोशालाओं में पहुंचाने तथा वहाँ गोवंशो के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। आबकारी विभाग को निर्देशित किया गया कि विद्यालयों के समीप तथा 100 मीटर की परिधि में शराब की दुकानें संचालित नहीं होने पाये। मांस की दुकानों का संचालन पूरी तरह हाइजीन के साथ पर्दे में होना चाहिये।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनप्रतिनिधियों के कुल 12 पत्र प्राप्त हुए है जिनका निस्तारण त्वरित स्तर पर कराया गया है। जलनिगम के सभी नवनिर्मित टंकियों के सुचारू रूप से संचालन तथा पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों को रेस्टोरेशन कराये जाने, विद्युत विभाग को जर्जर तार बदलने, ट्रस्फार्मरों की क्षमता वृद्धि कराने सहित अन्य विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।बैठक में जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा समिति के समक्ष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए दिये गये सुझावों का अनुपालन कराने का आश्वासन दिया गया। हलांकि यहां सवाल इस बात का है कि विभागीय अधिकारी जो सरकारी आंकड़े समिति के समक्ष रखे गये उसका भौतिक सत्यापन जौनपुर में बैठक होने पर संभव था। लेकिन वाराणसी में बैठकर समीक्षा बैठक का सीधा अनुमान लग रहा है कि सबकुछ कागजी बाजीगरी का खेल हुआ है।समिति ने अपने दायित्व का निर्वहन भी नियमानुसार नहीं की है।

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