मंगेश यादव मुठभेड़ को लेकर मचे राजनैतिक घमासान के बीच पुलिसिया मुठभेड़ जारी 85 मुठभेड़ों 95 के पैर में लगी गोली, दो की मौत



जौनपुर। जनपद सुल्तानपुर में हुए लूटकाण्ड के बाद डकैती के आरोपी जौनपुर के थाना बक्शा क्षेत्र स्थित ग्राम अगरौरा निवासी मंगेश यादव की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत पर मचे राजनीतिक विवाद के बीच भी पूर्वांचल में एनकाउंटर का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी जौनपुर में दो पशु तस्करों को गोली मारी गई थी। खास बात यह है कि पुलिस विभाग के आंकड़े के मुताबिक आठ महीने के दौरान पूर्वांचल के नौ जिलों में 85 एनकाउंटर किए गए हैं। इनमें निशाने बाज पुलिस ने 95 बदमाशों के पैर में गोली मुठभेड़ के दौरान मारने का लिखित दावा किया है। जिसमें दो इनामी बदमाशों की मौत के घाट उतार दिया गया है। एनकाउंटर के मामले में जौनपुर टॉप पर है। यहां 33 एनकाउंटर हुए और 36 बदमाशों के पैर में गोली मारी गई है। दो इनामी बदमाश भी मारे गए हैं। 
आजमगढ़ में 24 एनकाउंटर हुए हैं। इनमें 24 आरोपियों के पैर में गोली लगी। किसी आरोपी की मौत नहीं हुई। जबकि गाजीपुर में दस एनकाउंटर हुए हैं। इनमें दस बदमाशों के पैर में गोली लगी।
वाराणसी में अब तक छह एनकाउंटर हुए हैं। एक जुलाई से 17 अगस्त के बीच सात बदमाश विकास उर्फ गोलू चौहान, किशन सरोज, शिवा, सुरेंद्र जायसवाल, विनोद भारती, रुद्र प्रताप सिंह उर्फ चंदन और अंशू प्रसाद गिरफ्तार किए गए। सबके दाएं और बाएं पैर में घुटने के नीचे गोली लगी थी।
चंदौली में 12 अगस्त को नौगढ़ पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी थी। किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी अदालत ले जाते समय भागने का प्रयास कर रहे थे।सोनभद्र में व्यापारी दंपती हत्याकांड में आरोपी के पैर में गोली लगी थी।
मिर्जापुर में जनवरी से अब तक चार मुठभेड़ में सात आरोपियों के पैर में गोली लगी। 23 जनवरी को 25 हजार के इनामी गो तस्कर गोविंद कुमार यादव, 27 जनवरी को 25 हजार के इनामी विकास पाल और विजय शंकर प्रजापति के पैर में गोली लगी। विकास पर 15 मुकदमे हैं। 6 मई को 25 हजार का इनामी और सात मुकदमों में आरोपी आकाश बिंद मुठभेड़ में घायल हुआ था। 10 मई को अरविंद कुमार नट के दाहिने पैर में गोली लगी थी ।मऊ में तीन मुठभेड़ हुई। 22 जून को अभिमन्यु उर्फ मोनू के दाएं पैर में गोली लगी थी। अजीत यादव के बाएं पैर के घुटने में गोली लगी थी। नौ अगस्त को आफताब अहमद को पकड़ा गया था।
भदोही में तीन मुठभेड़ में पांच बदमाशों के पैर में गोली लगी थी। 16 मार्च को औराई क्षेत्र में सराफा व्यवसायी से लूट के आरोपी अंकित यादव, 25 मार्च को बैंक मित्र लूटकांड में अजय गिरी, 17 जुलाई को सराफा व्यवसायी से लूट में गोविंदा पटेल, दीपक सरोज और गोविंद उर्फ गोविंदा को गोली लगी थी।
एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मऊ और जौनपुर के एक-एक लाख रुपये के दो इनामी बदमाश भी मारे गए हैं। इसमें जौनपुर के मंगेश यादव उर्फ कुंभे का नाम भी शामिल था। मंगेश पर जौनपुर के साथ ही सुल्तानपुर में 10 मुकदमे दर्ज थे। सुल्तानपुर के करौंदीकला थाने से गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई थी। इसी तरह मऊ का एक लाख रुपये का इनामी बदमाश सुमित उर्फ मोनू चवन्नी भी जौनपुर में मारा गया था।
हलांकि मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर पूरे प्रदेश में राजनैतिक भूचाल मचा हुआ है लेकिन इसका वर्तमान सरकार और पुलिस पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। मंगेश यादव के परिवार के लोग लगातार एनकाउंटर की कहांनी पर सवाल खड़ा कर रहे है। सीधे पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए सीबीआई और न्यायिक जांच की मांग कर रहे है लेकिन सरकार और जिम्मेदार प्रशासन के लोग परिवार जनों की मांग को अनसुनी करते हुए आपरेशन लंगड़ा चलाने का अभियान जारी रखे हुए है।
एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोडिया का बयान आया है की पुलिस सेल्फ डिफेंस में गोली चलाती है। जानबूझकर किसी को गोली नहीं मारती है। मुठभेड़ के बाद गिरफ्तारियां भी हुई हैं। एक्टिव पुलिसिंग से पूर्वांचल में अपराध कम हुआ है। नए बदमाशों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है। एडीजी जोन का बयान कितना सच के करीब है। जनता जानती है पुलिस कैसे एनकाउंटर करती है यह भी जन मानस के बीच सर्वविदित है। पुलिसिया दावा कितना सच है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

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