सात वर्षों से लंबित मामले का जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर महज 2 घंटे में किया निस्तारण


जौनपुर। प्रेमचंद पुत्र सुंदरी प्रसाद निवासी पोखरियापुर जो जनसुनवाई कक्ष में 24 सितंबर 2024 को जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र के समक्ष उपस्थित हुए और अवगत कराया कि उनकी माता धर्मा देवी पत्नी सुंदरी प्रसाद के मृत्यु के पश्चात वरासत में उनके एकमात्र पुत्र प्रेमचन्द्र के स्थान पर त्रुटिवश ओमप्रकाश, जयप्रकाश पुत्र कुबेर दर्ज हो गया था। शिकायतकर्ता विगत 7 वर्षों से वरासत में अपना नाम दर्ज कराने हेतु प्रयास कर रहा था।
जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने गम्भीरतापूर्वक प्रकरण का सन्दर्भ लेते हुए नायब तहसीलदार से प्रकरण के सन्दर्भ में पूरी जानकारी प्राप्त की और इसके पश्चात जिलाधिकारी द्वारा स्वयं शिकायतकर्ता प्रेमचन्द्र के घर मौके पर पहुचकर खुली बैठक में तस्कीद कराते हुए प्रेमचंद पुत्र सुंदरी प्रसाद का नाम दर्ज कराने हेतु तहसीलदार और लेखपाल को निर्देशित किया कि नाम दर्ज करने के साथ ही तत्काल खतौनी उपलब्ध कराई जाए।
इसके अलावा उन्होंने ग्राम पोखवरियापुर के मृतक रमाशंकर और रामदुलार की जगह उनके वारिसों के नाम दर्ज करने के साथ ही उन्हें भी खतौनी देने के निर्देश दिए तथा लेखपाल को निर्देशित किया कि जिनके यहां भी मृतक के स्थान पर उनके वारिसों का नाम दर्ज कराना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने गांव के वयोवृद्ध लोगो से मुलकात की और गांव की कक्षा 8 की छात्रा में मायनूर शेख से गणित से जुडे़ प्रश्न पूछे और उसके साथियों प्रोत्साहित करते हुए मिड-डे-मील के संदर्भ में जानकारी भी ली।
इसके पूर्व जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत शिकायतों का सन्दर्भ लेते हुए 24 सितम्बर 2024 को सादिक पुत्र गेना निवासी ग्राम अजोरपुर तहसील केराकत जौनपुर के द्वारा वरासत के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र के क्रम में मृतक गेना के वरिस सादिक के नाम वरासत दर्ज कर खतौनी में अंकित करा दिया गया है।

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