पिछड़ों के मसीहा और सामाजिक न्याय के पुरोधा थे स्व.बीपी मंडल:- राकेश मौर्य


जौनपुर। स्व.बाबू बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल (बी.पी. मंडल) की 106वीं जयंती ज़िला समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में नगर के होटल रिवर व्यू में समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने किया। सपाजनों ने सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि मंडल आयोग बनाने में पिछड़ों के मसीहा बीपी मंडल का योगदान रहा। अपने बेबाक अंदाज और लोगों के हित के विषय में सोचने वाले स्व. बीपी मंडल अपनी कर्तव्य निष्ठा, सादगी ओर सच्चाई के लिए जाने जाते रहे। उन्हें जब भी मौका मिला वो अपने काम से लोगों की नजरों में बैठ गए।
पिछड़ों के मसीहा एवं हमदर्द एवं बिहार में 07 बार के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल (बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल) को पिछड़े वर्ग के आइकन के रूप में याद किया जाता है। बीपी मंडल को मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का एक बड़ा नायक माना गया है। उनके प्रयासों की वजह से केंद्र सरकार की नौकरियों और केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के दाखिलों में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हुआ। मंडल कमीशन रिपोर्ट जब लागू हुई तो देश खास कर हिंदी क्षेत्र की राजनीति में काफी बदलाव आया। इसे भारतीय राजनीति में साइलेंट रिवॉल्यूशन से नवाजा गया। इसके जरिए समाज से जुड़ने के कारण वंचित समुदाय और भी मजबूती से देश से जुड़े। मंडल कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद ही बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से पिछड़ी जातियों के नेता आगे आने लगे।
भारतीय राजनीति के धुरी माने जाने वाले बीपी मंडल जी ने समाज के पिछड़े व आर्थिक - सामाजिक रूप से उपेक्षित लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया। स्व. मंडल जी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए कोई समझौता नही किया जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से 30वें दिन ही इस्तीफा दे दिया था। एक सम्पन्न परिवार से आने वाले मंडल जी ने हमेशा समाज के पिछड़े व वंचित लोगों के हक की लड़ाई लड़ी। 
सन् 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के नेतृत्व में 'सामाजिक या शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान' के लिए एक समिति का गठन किया जिसकी अध्यक्षता बी पी मंडल ने की। सन् 1980 में इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की जिसे मंडल कमीशन के नाम से जाना गया। इस कमीशन को लागू होने में लगभग पंद्रह साल लग गए।
मंडल कमीशन में बताया गया कि देश की 52 प्रतिशत आबादी पिछड़े समाज की है, जिसके अनुसार पिछड़े वर्गों के लिए सार्वजनिक सेवाओं में आरक्षण का प्रतिशत भी उस आंकड़े पर मिलना चाहिए। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए एक फैसले जिसके अनुसार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती के खिलाफ था। इस कानूनी बाधा को देखते हुए मंडल आयोग पिछड़ी जातियों के लिए केवल 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने के लिए बाध्य था। 
मंडल कमीशन के अध्यक्ष, सामाजिक न्याय के पुरोधा स्व. बी पी मंडल जी को उनकी जयंती पर शत् शत् नमन करते हुए उनके सामाजिक न्याय के संदेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी की अगुवाई में पीडीए समाज जातीय जनगणना कराकर हक और अधिकार दिलाने का काम करेगा। जिलाध्यक्ष ने पीडीए समाज से एकजुट होकर मिशन 2024 की कामयाबी के लिए अभी से लग जाने का आवाहन किया।
कार्यक्रम का संचालन ज़िला महासचिव आरिफ हबीब ने किया। कार्यक्रम में  विधायक केराकत तूफानी सरोज  पूर्व विधायक लालबहादुर यादव, पूर्व विधायक श्रद्धा यादव,पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष राजबहादुर यादव, पूर्व प्रत्याशी पंधरी लाल यादव, वरिष्ठ नेता लालचंद यादव लाले, रुखसार अहमद, महेंद्र यादव, शिव शरण कुशवाहा, प्रमुख विमलेश यादव, श्याम बहादुर पाल, पूनम मौर्या, राजेश यादव, विवेक रंजन यादव, राजन यादव, सुशील दूबे, इरशाद मंसूरी, लाल मोहम्मद राइनी, राहुल त्रिपाठी, केशजीत यादव, कैलाशनाथ यादव पूर्व प्रमुख, अभिमन्यु यादव पूर्व प्रमुख,  अमजद अख्तर सहितअन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

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