जिले में उर्वरक खाद के संकट से किसान है परेशान जिम्मेदार अधिकारी केवल कर रहे है लफ्बाजी


जौनपुर। खरीफ खेती के लिए एक तरफ यूरिया की मांग बढ़ी हुई है। दूसरी तरफ जिले की 10 साधन सहकारी समितियां ऐसी है जिसके गोदाम खाली है और किसान यूरिया के लिए भटक रहे हैं। 10103 टन लक्ष्य की तुलना में 21 अगस्त तक 8996 टन ही यूरिया उपलब्ध हो सकी है। किसानों का कहना है कि समय से यूरिया नहीं मिली तो फसलों की पैदावार में कमी आने की संभावना है। शासन से लक्ष्य के मुकाबले खरीफ सीजन में अभी तक जिले को पर्याप्त खाद नहीं मिल सकी है। जिससे यूरिया की किल्लत हो गई है।
जिले में साधन सहकारी समितियों पर खरीफ सीजन वर्ष 2024-25 में जुलाई से अगस्त तक यूरिया 10103 एमटी, डीएपी 3442 एमटी और एनपीके 359 एमटी उपलब्ध कराया जाना था। इसके मुकाबले जिले की संचालित साधन सहकारी समितियों को यूरिया 8996 एमटी, डीएपी 5360 एमटी तथा एनपीके 104 एमटी ही उपलब्ध हो सका। इसमें यूरिया 6228, डीएपी 1772 , एनपीके 345 एमटी का वितरण हो सका। खाद उपलब्धता के ये आंकड़ें 21 अगस्त तक के हैं। धान की रोपाई के बाद खाद की मांग बढ़ गई। कई समितियों के गोदाम में खाद का स्टॉक खत्म हो गया है। जहां खाद उपलब्ध है भी तो सीमित मात्रा में है। किसानों का कहना है कि धान की रोपाई के समय डीएपी की ज्यादा जरूरत होती है। 
एआर कोऑपरेटिव का कथन है कि जिले में दो रैक यूरिया की मांग की गई है। एक रैक निजी व्यापारियों के लिए और एक रैक साधन सहकारी समितियों पर भेजी जाएगी। यह दो से तीन दिन के अंदर आ जाएगी। यह रैक मिल जाएगी तो लक्ष्य से अधिक यूरिया जिले में उपलब्ध हो जाएगी। इससे किसानों को राहत मिल सकेगी।

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