अयोध्या दुष्कर्म काण्ड: विवेचना के दौरान जानिए लगातार क्या नये खुलासे हो रहे है
यूपी के अयोध्या में 12 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में विवेचना के दौरान नये नये खुलासे हो रहे है। दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को आरोपी पक्ष कई दिन से बरगलाने की कोशिश कर रहा था। निषाद समाज के अन्य लोगों के माध्यम से मामले में समझौता करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। पुलिस की जांच व परिजनों के बयानों में एक-एक कड़ियां खुल रही हैं।
पूराकलंदर थाना क्षेत्र में भदरसा में बालिका से दुष्कर्म के साथ सपा नेता पर दूसरे आरोपी राजू को संरक्षण देने का भी आरोप है। मूलरूप से सीतापुर निवासी राजू ढाई माह पहले खेत में काम कर रही बालिका को बेकरी में काम करने के लिए ले गया था। दर्ज एफआईआर के अनुसार पहले सपा नेता मोईद खान ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
राजू ने वीडियो बनाया और फिर बालिका को ब्लैकमेल करके उसने भी दुष्कर्म किया। बालिका की तबीयत बिगड़ने पर मामला उजागर हुआ तो आरोपी पक्ष के लोग परिजनों को तरह-तरह से बरगलाने की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, राजू घटना के बाद से ही सीतापुर में ही छिपा था।
सुलह-समझौता की कोशिशें नाकाम होने पर मुकदमा दर्ज हुआ तो एक-एक कड़ियां खुलने लगीं। हालांकि, पुलिस इस मामले में अभी खुलकर कुछ बोलने से कतरा रही है। थानाध्यक्ष पूराकलंदर देवेंद्र सिंह ने बताया कि विवेचना के तथ्यों की जानकारी किसी को नहीं दी जा सकती। लगातार कई दिन से चल रही कार्रवाइयों के बीच पहली बार आरोपी सपा नेता मोईद खान का परिवार भी सामने आया है। उन्होंने एक मीडिया चैनल पर अपना पक्ष रखा और कार्रवाइयों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता व एकतरफा बताया।
उनके परिवार के आफताब की पत्नी ने कहा कि डीएनए टेस्ट होना चाहिए। यह नाजायज व सरासर गलत हो रहा है। एकतरफा न्यूज दिखाकर बात को इतना बढ़ा दिया गया है। राजू ने थाने में बयान दिया है कि मोईद खान की गलती नहीं है।
उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि वह बेकरी में काम करता है। सपा का टैग इनके ऊपर लगा है, इसलिए राजनीति हो रही है। बेकरी में काम करने के अलावा राजू से कोई वास्ता नहीं था। मोईद खान के भाई अब्दुल इकरार खान ने कहा कि जो हो रहा है राजनीति के कारण हो रहा है।
यहां से बीजेपी चेयरमैन, लोकसभा सीट सब हार गई, उसी का बदला लिया जा रहा है। जांच करवाइए, अगर दोषी हैं तो कार्रवाई हो, लेकिन दोषी नहीं हैं तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। वह खुद एसओ के बुलाने पर थाने गए थे। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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