एनएचआई घोटाला: जांच में पहले दिन लगभग दो करोड़ रूपये का घोटाला मिला, बैंक के ट्रांजेक्शन पर लगी रोक,जांच के बाद होगी विधिक कार्रवाई



जौनपुर। जनपद मुख्यालय स्थित एनएचआई कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटाले की जांच में शुरुआती दौर की जांच के दौरान लगभग दो करोड़ रूपये का घोटाला होना पाया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए मुख्य विकास अधिकारी/ जांच अधिकारी  साई सीलम तेजा ने मीडिया को बताया कि घोटाला जांच प्रक्रिया के पहले दिन जनपद की तीन तहसील बदलापुर मड़ियाहूँ और मछलीशहर के एसडीएम और लेखपालो को बुलाकर जांच कराया गया जिसमें दो करोड़ तक के घोटाले की पुष्टि हुई है।
सीडीओ ने बताया कि अभी तीन से चार दिन में जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी तरह की स्थिति स्पष्ट और साफ हो सकेंगी। बीते दिवस डीएम से हुई शिकायत पर जांच में  एनएचआई कार्यालय के बाबुओ और कर्मचारियों द्वारा जौनपुर- मिर्जापुर बाईपास और जौनपुर- बदलापुर बाईपास के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में घोटाल और भ्रष्टाचार विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत से किया गया है। अभी शुरुआती जांच में 15 काश्तकारों के खाते में भेजे गए है।
यहां बता दे कि इस मामले में विगत 22 अगस्त 24 को डीएम ने छापा मारकर एनएचआई का आफिस में छापेमारी कर उसे सीज कर दिया था अब जांच शुरू हो गई है।
जांच में सीडीओ जौनपुर साई सीलम तेजा ने बताया कि विभागीय खाता जो एचडीएफसी बैंक में है शुरुआती जांच में 15 काश्तकारों के फर्जी फाइल बनाकर खातों में करीब दो करोड़ से ज्यादा रुपए खाते में भेज दिए गए है उसके ट्रांजेक्शन को रोक दिया गया है। सीडीओ को जांच में मिला कि पैसे जिन कास्तकारो के खाते में गये वे उसे या तो निकाल लिए या फिर एफडी करा दिए है कुछ के खाते में ही पड़े है।

सीडीओ ने स्पष्ट रूप से बताया की इस घोटाले के खेल में बाबू संलिप्तता तो स्पष्ट रूप से दिख रही है। जितने भी पैसे गये सभी एनएचआई के ही खाते से निकले है। अभी तक एनएच 135 ए और उसके बाईपास मार्ग और एनएच 731 बीएल की फाईले देखी गयी है। अभी अन्य एनएच मार्गो के फाइलो की जांच चार से पांच दिन में पूरी करने के बाद डीएम के समक्ष रिपोर्ट भेजी जाएगी उनके स्तर से क्रिमिनल प्रोसिडिंग की प्रक्रिया कराते हुए अन्य दण्डात्मक कार्यवाई होगी। सीडीओ ने आम जनमानस से अपील भी की है कि एनएचआई के घोटाले के किसा मामले की जानकारी अगर उनके पास है तो जांच टीम के पास कार्यालय में आ कर दे सकते है।उसकी भी जांच होगी।
इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के  शिक्षक राहुल सिंह की संलिप्तता के संदर्भ में सीडीओ ने साफ बताया कि कास्तकारो और आफिस के बाबुओ से इस बात की पुष्टि हो गई है कि वह यहा एनएचआई कार्यालय में बैंक कर घोटालाबाजी कराता था वह यहां दलाली करता था। सीडीओ के अनुसार इस घोटाले की जांच टीम में मेरे साथ अतिरिक्त उपजिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश यादव और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को नामित किया गया है उन्होंने बताया कि प्रत्येक दशा में जांच प्रक्रिया को तीन से चार दिवस में पूरी कर रिपोर्ट डीएम के समक्ष प्रस्तुत कर दी जायेगी।

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