एनएचआई कार्यालय में गजब का भ्रष्टाचार, 3.38 लाख की जगह 34 लाख रुपए का कर दिया भुगतान,जांच शुरू


जौनपुर। एनएचआई कार्यालय में भूमि अधिग्रहण के फर्जी दस्तावेज से भुगतान का मामला प्रकाश में आया है। मछलीशहर के सेमरी गांव में फर्जी तरीके से तैयार पत्रावली से 3.38 लाख की जगह 34 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। यह शिकायत की डीएम से की गई है एडीएम भू-राजस्व कार्यालय में आठ सालों तक तैनात रहे पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर रसूलाबाद निवासी रोबिन साहू ने डीएम को दिए प्रार्थनापत्र में बताया कि वह 8 सालों तक एडीएम भू-राजस्व के कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर था। कार्यालय प्रभारी संतोष कुमार तिवारी भूमि अधिग्रहण पर फर्जी दस्तावेज पर भुगतान करा रहे हैं। संतोष कर्मचारियों से जबरन ग्रामसभा की पत्रावली तैयार करा रहे थे, मना करने पर मुझे हटा दिए। हटाने से पहले कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी। दो माह 13 दिन का वेतन का भुगतान भी नहीं किया। साहू ने कहा है कि बदलापुर तहसील के बडारी गांव में गाटा संख्या 547 में आबादी की भूमि है। पूर्व सीआरओ राजकुमार द्विवेदी ने भुगतान पर रोक लगाई थी। इसके बाद भी दो काश्तकारों ने फर्जी दस्तावेज दिए। जब मामला संज्ञान में आया तो 54 लाख रुपये के भुगतान का चेक रोक दिया गया। मछलीशहर के सेमरी गांव में गाटा संख्या 486 का फर्जी दस्तावेज जमा करके 29 जून 2024 को 3.38 लाख की जगह 34 लाख रुपये का भुगतान करा दिया गया। फर्जीवाड़े का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिसे 34 लाख का भुगतान किया गया है उस काश्तकार का एचडीएफसी बैंक जेसीज चौराहा पर उसी दिन खाता खुलता है, उसी दिन पत्रावली तैयार होती है, जिस प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम तीन से चार दिन का समय लगता है। उसी दिन सीआरओ का हस्ताक्षर होता है, उसी दिन चेक बैंक में भेजा जाता है, उसी दिन भुगतान भी कर लिया जाता है। इसके अलावा बदलापुर, जौनपुर सदर, मड़ियाहूं, मछलीशहर तहसील क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण वाले कुछ गांवों में भी शिकायतें आई हैं।
डीएम जौनपुर रविन्द्र कुमार मांदड़ का बयान आया है कि मामला संज्ञान में है। इसकी जांच एडीएम स्तर से कराई जा रही है। इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी भी अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाई जा रही है तो यह कानूनन अपराध है। इसमें दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।

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