मेडिकल कॉलेज के अन्दर गुन्डई डॉक्टर ने मरीज को मारा थप्पड़, बाद में हॉस्टल के छात्रों को बुलाकर पिटवाया


उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में शैक्षिक कार्य भले ही नहीं हो रहा है लेकिन यहां के चिकित्सक और छात्रो की गन्डई चर्चा में आने लगी है।डॉक्टर व छात्रों की गुंडागर्दी की एक घटना सामने आई है। मरीज को दिखाने आए एक युवक को ओपीडी में मौजूद दो डॉक्टर और एमबीबीएस के छात्रों ने पीट दिया। इसकी सीसीटीवी फुटेज भी रिकॉर्ड हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस और आसपास के लोग किसी तरह युवक को बचाकर बाहर ले गए। हालांकि पुलिस इस मामले पर कुछ कहने से बच रही है।
बता दें की उमानाथ सिंह स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में मंगलवार की दोपहर ओपीडी के दौरान सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के भकुरा गांव के निवासी सुजीत अपनी मां को ऑर्थोपेडिक्स विभाग में रिपोर्ट लेकर दिखाने के लिए पहुंचे थे। कमीशन के खेल के चलते डॉक्टर ने दोबारा अपनी पसंदीदा जगह से रिपोर्ट निकलवाने के लिए कहा। इस पर युवक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अभी यह रिपोर्ट मैं खुद अपने लैब से लेकर आया हूं। युवक और डॉक्टर में कहासुनी शुरू हो गई। तभी वहां मौजूद डॉ. रोहित ने युवक को एक थप्पड़ जड़ दिया। फिर दोनों में हाथापाई होने लगी। वहां मौजूद कई आउटसोर्सिंग के कर्मचारी भी युवक को पीटने लगे। तभी वहां पर मौजूद दूसरे डॉक्टर रतन ने एमबीबीएस के छात्रों को फोन करके ओपीडी में बुला लिया।
लगभग 50 की संख्या में पहुंचे एमबीबीएस के छात्र भी युवक को बेरहमी से पीटने लगे। ओपीडी परिसर में अफरा तफरी का माहौल हो गया। किसी तरह सुरक्षा कर्मियों ने युवक को बचाते हुए बाहर लाया। तभी इसकी सूचना किसी ने सरायख्वाजा थाने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया। मजेदार बात यह है कि पुलिस भी मारपीट करने वाले चिकित्सक और छात्रो के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखा सकी उल्टे पिटने वाले को कमजोर मानकर उसके खिलाफ विधिक कार्यवाई कर दी है।
घटना के बाद प्राचार्य ने भी एमबीबीएस के छात्रों व डॉक्टर के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की है। घटना के बाद पहुंचे सीएमएस डॉक्टर जाफरी व ऑर्थोपेडिक्स के एचओडी डॉ. उमेश ने घटना की जानकारी ली। वहीं पुलिस भी इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है और कुछ कहने से बच रही है। प्राचार्य प्रो. शिवकुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। खबर है कि प्राचार्य शिव कुमार का इस तरह की अपराधिक घटनाओ के लिए संरक्षण भी दिया जा रहा है।

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