सूदखोरो की प्रताड़ना से आजिज आकर जन सेवा केन्द्र संचालक ने की आत्महत्या, सीएम के हस्तक्षेप पर सूदखोर के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा



सूदखोरों की प्रताड़ना से परेशान होकर जन सेवा केंद्र संचालक गौरव पांडेय ने  आत्महत्या की थी। आत्महत्या से पहले गौरव ने 10 मिनट का वीडियो भी बनाया था। शिकायत के बावजूद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था। गौरव के पिता ने मुख्यमंत्री दफ्तर शिकायत भेजी, तब जाकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पारा थाने में दो सूदखोरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
बता दें जौनपुर मूल के निवासी गौरव पांडेय परिवार संग पारा के नरपतखेड़ा इलाके में रहते थे और जन सेवा केंद्र चलाते थे। उनके पिता सुभाष चंद्र पांडेय ने बताया कि 24 मई को बेटे ने फांसी लगा ली थी। जौनपुर में अंतिम संस्कार करने के बाद परिजनों ने जब गौरव के मोबाइल फोन को चेक किया तो आत्महत्या से ठीक पहले का 10 मिनट का एक वीडियो मिला। इसमें गौरव ने अमित श्रीवास्तव और एके द्विवेदी नाम के दो सूदखोरों की प्रताड़ना से आजिज आकर जान देने की बात कही थी। आरोप है कि शिकायत के बावजूद पारा पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की।
गौरव के पिता ने पारा पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का भी आरोप लगाया। सुनवाई न होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री दफ्तर में शिकायत की। इसके बाद डीसीपी पश्चिम दुर्गेश कुमार ने 12 जून को पारा पुलिस को केस दर्ज कराने का आदेश दिया। रंगदारी व आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
सुभाष ने बताया कि उनके बेटे के माध्यम से अनूप द्विवेदी ने सूदखोरों से 10 से 12 लाख रुपये ब्याज पर लिया था। गौरव इस लेनदेन में गवाह था। कुछ माह ब्याज देने के बाद अनूप घर छोड़कर चला गया। इसके बाद से आरोपी गौरव को प्रताड़ित करने लगे। दावा है कि बेटे के खाता का स्टेटमेंट देखने पर पता चला कि वह सूदखोरों को अब तक खाते से 13 लाख रुपये दे चुका था। आजिज आकर अंत में उसने अपनी जान ही दे दी।

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