मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जुटे सरकारी तंत्र के द्वारा वोटर लिस्ट से बोगस वोट काटने के नाम खेल पर उठ रहे है यह सवाल
जौनपुर। लोकसभा चुनाव के छठवें चरण की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन मतदान के दिन वोट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपने सभी विभागो के साथ प्रचार अभियान चला रहा है।वहीं पर बोगस वोट को वोटर लिस्ट से हटाने के नाम पर बीएलओ के जरिए ऐसे मतदाताओ का नाम गयाब कराया जा रहा है जो एक खास वर्ग से नाता रखते है सरकारी तंत्र के इस खेल में ज्यादा मात्रा में पीडीए के मतदाताओ का नाम शामिल होने की जानकारी मिली है। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठ खड़ा होता है कि क्या निष्पक्ष रूप से मतदान संभव है अथवा सरकारी मशीनरी किसी दल विशेष की एजेंट बन कर काम करने की तैयारी कर रही है।
यहां बता दें कि चुनाव के तहत मतदान का मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी स्वीप कार्यक्रम के तहत पूरे जनपद में क्रिकेट खेल कर, तो घर आओ परदेशी वोट करना है योजना के तहत मतदाताओ को जागरूक करते हुए लगातार प्रयासरत है, इतना ही नहीं मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए बीएलओ को पुरस्कार तक देने का एलान जिला प्रशासन ने कर रखा है। इसके अलांवा बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षको को पूरी तरह मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगाया गया है।
लेकिन एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि बोगस वोट काटने के नाम पर बीएलओ के जरिए जो खेल वोटर लिस्ट में किया जा रहा है क्या उस खेल के कारण आयोग की मंशा साकार हो सकेंगी। बीएलओ की ड्यूटी में लगे कर्मचारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया के बोगस वोट वोटर लिस्ट से हटाने के नाम पर खास वर्ग के के लोगो को मतदाता सूची से बाहर किए जाने का भी खेल चल रहा है। ऐसा करके किसे लाभ पहुंचाया जा सकेगा यह सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं जनता है सब जानती है। बोगस वोट हटाने के नाम पर जो जिस खेल की खबर सूत्र ने दी वह अगर सच है तो चुनाव की इस प्रक्रिया में निष्पक्ष मतदान संभव नहीं हो सकेगा ऐसा आम जनमानस मान रहा है।
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