रीठी हत्याकांड के नामजद अभियुक्तो गिरफ्तारी तीन दिन बाद तक नहीं हो सकी, हत्या के कारण को लेकर लग रहे है कयास
जौनपुर। जनपद के थाना सिकरारा क्षेत्र स्थित ग्राम रीठी में बीते दिवस 16 अप्रैल की रात साढ़े सात बजे हुई अनीस पुत्र नफीस की हत्या के मामले में नामजद एफआईआर के बाद भी तीन दिन बीतने के बाद भी तेजतर्रार पुलिस जनो को हत्यारो का सुराग नहीं मिल सका है। हत्यारे आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। हलांकि थाने की पुलिस और अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही हत्यारे सलाखों के पीछे नजर आएंगे। इसी के साथ ही इस हत्याकांड को लेकर इलाके में तरह तरह की चर्चाओ का बजार गर्म है।पुलिस अनीस के हत्या का कारण आपसी रंजिश मान रही है तो इलाके के लोग इसे राजनैतिक हत्या की आशंका जाहिर कर रहे है। सच तो हत्यारो के गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
यहां बता दें जनपद के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खास सहयोगी ( पूर्व में गनर रहे) अनीस पुत्र नफीस निवासी रीठी थाना सिकरारा की 16 अप्रैल की रात लगभग साढ़े सात बजे रात को बाजार से घर जाते समय आवास से लगभग 25 मीटर की दूरी पर पड़ोसी मो.मुस्तकीम के पुत्र अतीक उर्फ पांडू ने अपने दो साथियों अनिकेत मिश्रा और प्रिन्स हरिजन के साथ मिलकर गोली मारने के बाद चाकू गोद कर हत्या कर फरार हो गए। घटना की खबर वायरल होते ही परिवार और ग्रामीण पुलिस को सूचित करते हुए अनीस को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की खबर मिलने पर तत्काल पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा और सीओ सदर परमानंद कुशवाहा और थाना सिकरारा सहित आसपास थानो की फोर्स घटनास्थल पर पहुँच गई और निरीक्षण किया। एसपी ने टीम गठित कर हत्यारो की गिरफ्तार के लिए लगा दिया। देर रात मृतक अनीस के भाई मो. हकीम की तहरीर पर चार लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। जिसमें मो. मुस्तकीम, अतीक उर्फ पान्डू पुत्र मुस्तकीम, अनिकेत मिश्रा और प्रिन्स हरिजन निवासी रीठी थाना सिकरारा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया।
इस घटना को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र सिंह ने पहले ही दिन बयान जारी किया कि घटना के पीछे आपसी रंजिश मुख्य कारण है। पुलिस की माने तो मुस्तकीम और अतीक उर्फ पान्डू अवैध देशी असलहा बनाते है और अनिकेत और प्रिन्स सप्लायर है अनीस ने असलहा बनाने से मना किया इसी के चलते उसकी हत्या की गई है। इसके विपरीत इलाके के कुछ लोग इस हत्याकांड के पीछे राजनैतिक खेल मान रहे है। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरो को साधने और उनकी सिम्पैथी हासिल करने के लिए हत्याकांड संभव है। कौन ऐसा कर सकता है इसके कयास लगने लगे है। हलांकि इसकी पुष्टि नहीं होती है लेकिन अगर ऐसा है तो क्या पुलिस इसका भी खुलासा करेगी ? यह एक बड़ा सवाल है।
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