भाजपा का 45वां स्थापना दिवस जौनपुर के सभी बूथों पर हुआ कार्यक्रम,वक्ताओ ने 04 सौ पार का किया एलगार
जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी का आज 45 वां स्थापना दिवस मनाया गया। भाजपा कार्यकर्ता आज जिले में सभी बूथों पर जाकर भाजपा सरकार की उपलब्धियां जनता को बताए। इसी क्रम में भाजपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के अध्यक्षता में स्थापना दिवस पर समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पार्टी के पुरोधा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुभारम्भ किया गया। सभी कार्यकर्ताओं द्वारा बंदे मातरम का गीत गाया गया।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनता पार्टी के विघटन के बाद भाजपा बनी, जनसंघ के दूसरा रूप भाजपा है और इन 45 सालों में भाजपा 2 से 400 की तरफ बढ़ रही है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन भाजपा को देश की जनता का प्रचंड बहुमत मिलेगा, लेकिन नरेंद्र मोदी नाम ने ये सब कर दिखाया भाजपा न केवल देश मे स्पष्ट बहुत वाली सरकार बनी बल्कि देश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई।
कृपाशंकर सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बाद पार्टी के सफर को अटल बिहारी वाजपेयी ने आगे बढ़ाया जिसके बाद लालकृष्ण आडवाणी की बुलंद आवाज ने पार्टी को मजबूती दी शुरुआत में पार्टी की छबि हिंदुत्ववादी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन बाद में बंगारू लक्ष्मण को पार्टी की कमान सौंप कर दलित वर्ग पर भी बड़ी छाप छोड़ी इस बीच 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की खबर ने देश की जनता को चौंका दिया और कांग्रेस के साथ अब भाजपा भी जनता को विकल्प नजर आने लगी और आज जब राम मंदिर बन गया तो भाजपा 400 सीट के नारा के साथ आज तीसरी बार मोदी जी की सरकार बनने जा रही है।
हरिश्चंद सिंह ने कहा कि 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई देश भर में कांग्रेस के माहौल के बीच जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी का सफर आसान नहीं था "इस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना कोई खेल नहीं" जनसंघ के चुनाव चिन्ह के बारे में ये नारा लगा जो उसके नए रूप भाजपा का 1984 तक पीछा करता रहा जब पार्टी को महज दो सीटें मिली थी दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों से आगे बढ़ी पार्टी ने आज वो फतह हासिल कर ली है जो कि अपने आप में एक अलग इतिहास बनाती है।
अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि आज भाजपा देश के अधिकतर राज्यों में काबिज है, तो दुनिया की सबसे ज्यादा सदस्य वाली पार्टी का तमगा भी उसके नाम है। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के तालकटोरा में जिस संकल्प के साथ जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई वह संकल्प पूरा देश साकार होता हुआ देख रहा है।
सुशील उपाध्याय ने कहा कि अटल- आडवाणी कमल निशान का नारा भले ही अब बदल गया हो, लेकिन इस सफर में अटल आडवाणी योगदान को दुनियां नहीं भुला पाएगी वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी को विश्व की सबसे पड़ी पार्टी के रूप में न केवल खड़ा किया बल्कि उस रिकॉर्ड की तरफ इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़ने की कोशिश कर रही है जो कभी एक वक्त कांग्रेस के पास था।
पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने नीति से कभी समझौता नहीं करती है अटल आडवाणी की जोड़ी के समय दो से शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी आज मोदी शाह की जोड़ी के साथ 400 पार की तरफ बढ़ रही है इस पार्टी पर देश की हर नागरिक को भरोसा है और यही भरोसा हमें इस बार भी चुनाव में जीत दिलाने के लिए काम आएगा।
जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा की बात कहने वाले भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी आज दुनिया में भले ही नहीं है, लेकिन उनकी मेहनत से खड़ी हुई पार्टी दुनियाभर में सिरमौर बनी हुई है। भाजपा ने अपने गठन के साथ लगातार मजबूती ली 1984 में पार्टी को लोकसभा में महज दो सीटें मिली, लेकिन उसके पांच साल बाद 1989 में 85 सीटें हासिल की 1991 में फिर चुनाव हुए जिसमें 120 सीटें हासिल की, 1996 में पार्टी को और मजबूती मिली और 161 सीटें हासिल की. 1998 में 182 तो 2014 आते आते बीजेपी ने अपने बूते पर स्पष्ट बहुमत की सरकार बना ली. 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे पर 303 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से फिर से सत्ता में लौटी तो उधर, प्रमुख विपक्षी पार्टी को प्रतिपक्ष का दर्जा तक नहीं मिला पार्टी अब हिंदी भाषी राज्यों के साथ साथ पूर्वी राज्यों में भी पैठ बना चुकी है 2024 लोकसभा चुनाव के रण के बीच में बीजेपी 45 वां स्थापना दिवस मना रही है बीजेपी इस बार मिशन 400 पार लक्ष्य लेकर चल रही है।
कार्यक्रम का संचालन सुशील मिश्रा ने की। उक्त अवसर पर पीयूष गुप्ता अमित श्रीवास्तव सुनील तिवारी सुधाकर उपाध्याय संदीप सरोज अवधेश यादव उमाशंकर सिंह रामसूरत मौर्य सुनील यादव संजय सिंह ओमप्रकाश सिंह विपिन द्विवेदी प्रभात श्रीवास्तव रवीश पाण्डेय राम सिंह मौर्य आमोद सिंह रोहन सिंह शिद्दार्थ राय हरसू पाठक सरस गौड़ परविंदर चौहान जसविंदर सिंह प्रबुद्ध दुबे अजीत प्रजापति आशीष सिंह आशु नरेंद्र उपाध्याय रागिनी सिंह विनीत शुक्ला विमला श्रीवास्तव राखी सिंह अंजू कुशवाहा मेराज हैदर सुरेश धुरिया अजय सरोज इंद्रसेन सिंह घनश्याम यादव सुशांत चौबे अवनीश यादव जीतेन्द्र मिश्रा दिलीप शर्मा अजय मिश्र शनि शुक्ला भूपेश सिंह नरेंद्र विश्वकर्मा बलवीर गौड़ सुरेंद्र मिश्र वंश बहादुर पाल महेन्द्र बिंद शनि सिन्ह भोला सिन्ह आदि उपस्थित रहे।
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