शहर में जाम की समस्या के बड़े कारण बने है सड़क की पटरियों पर लगने वाले ठेले, जिला प्रशासन आखिर मौन है क्यों
जौनपुर। जनपद मुख्यालय स्थित सड़क की पटरियों पर ठेला खुमचा वाले व्यापरियों द्वारा ठेला आदि लगाकर सड़क को सकरा बना कर जाम की समस्या में दाद में खाज की भूमिका निभा रहे है। जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी युनियन बाजी के कारण कान में तेल डाले बैठे हुए है। जबकि स्ट्रीट वेंडर्स को उनकी दुकान लगाने को उचित स्थान देने के लिए नगर पालिका ने दो साल पहले छह वेंडिंग जोन बनाए। इन वेंडिंग जोन में कुल 200 दुकानें लग सकती हैं। इसके बावजूद दुकानदार सड़क किनारे पटरियों पर दुकान लगा रहे हैं। इससे जाम भी लग रहा है। इसके अलावा ये सड़क पर अतिक्रमण के कारण भी बने हुए हैं।
नगर पालिका की ओर से ओलंदगंज, जेसीज, कोतवाली, दीवानी के पास, पॉलिटेक्निक कृषि भवन के पास और बदलापुर पड़ाव पर कुल छह वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। यह जगह ठेले और रेहड़ी वालों को उनकी दुकान लगाने के लिए आवंटित की गई है। इसके बावजूद भी ये दुकानदार सड़क की पटरी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। सड़क किनारे दुकान लगने के कारण जाम की समस्या भी बनी हुई है। इसे लेकर जिला प्रशासन आए दिन अभियान भी चलाता है लेकिन उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलता।
जिले में 2020 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 11621 ठेला पटरी व्यापारियों को पंजीकृत किया गया है। डूडा की ओर से पंजीकृत इन स्ट्रीट वेंडरों को सड़क किनारे दुकान चलाने के लिए स्थान के साथ ही लघु ऋण के तौर पर आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
जिला प्रशासन और नगर पालिका की ओर से बीते छह महीने में पांच बार अभियान चलाकर पटरी खाली कराई गई। फिर भी हालात जस के तस हैं। हर बार प्रशासन दिन में सड़क खाली कराता है और शाम तक दुकानें फिर से यथास्थान लग जाती हैं।
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