प्रमोद हत्याकांड: जौनपुर पुलिस ने अभियुक्तो को गिरफ्तार करने का करती है दावा तो हत्या का कारण बताने से क्यों की है परहेज ?


घटना के दिन भी पुलिस ने खमपुर गांव से बदमाश पकड़ने का दावा किया था और एक को पैर में गोली लगने की बात कही थी वह बदमाश कहां है?

जौनपुर। जनपद के थाना सिकरारा क्षेत्र स्थित ग्राम बोधापुर में जौनपुर प्रयागराज एन एच पर विगत 07 मार्च को भाजपा नेता प्रमोद कुमार यादव हत्याकांड में पुलिस ने फिर 11/12 मार्च की रात एक मुठभेड़ में तीन बदमाशो की गिरफ्तारी करने का दावा किया है।इस मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली मारने की पुष्टि पुलिस के अधिकारी ने किया है।
यहां बता दें कि विगत नौ मार्च को जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जौनपुर आने वाले थे तो उसी दिन मुख्यमंत्री के आगमन से कुछ घन्टे पहले सिकरारा की पुलिस ने प्रमोद हत्याकांड के प्लानर विजय यादव पुत्र स्व लालजी यादव निवासी विशुनपुर को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने घटना के खुलासे का एलान तो कर दिया लेकिन हत्याकांड के कारण को स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं बता सकी थी की आखिर भाजपा नेता की हत्या क्यों की गयी है।
इसके बाद थाना सिकरारा के थानाध्यक्ष रहे राजाराम द्विवेदी को लाइन हाजिर कर दिया गया और यजुवेन्द्र सिंह को नया थानाध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद इस हत्याकांड के तीन और बदमाशो को शामिल होना बताते हुए 11/12 मार्च को बदमाशो से मुठभेड़ दिखाते हुए बदमाश सचिन यादव उर्फ देवा पुत्र महेन्द्र यादव निवासी ग्राम देवापार थाना मडियाहूं जौनपुर के पैर में गोली मारते हुए गिरफ्तार करने का दावा किया है।
इसके साथ दो और को भाजपा नेता प्रमोद यादव के हत्याकांड में शामिल होना बताते हुए विजय यादव पुत्र मेवालाल यादव निवासी ग्राम बोधापुर एवं चन्द्रशेखर यादव पुत्र रामदुलार यादव निवासी ग्राम प्रेमराजपुर दोनो थाना सिकरारा को गिरफ्तार किया है।
इस गिरफ्तारी के बाबत पुलिस ने जो कहांनी बताई है उसके अनुसार थानाध्यक्ष यजुवेन्द्र कुमार सिंह मय हमराही कर्मचारीगण के दिनांक-07 मार्च 24 को दिन दहाड़े हुई हत्या काण्ड में पंजीकृत मु0अ0सं0-55/24 धारा-302/34/120 बी भादवि से सम्बन्धित मुखबिर खास द्वारा एक महत्तवपूर्ण सूचना दी गयी कि वांछित अभियुक्त गुलजारगंज से कठार मलसिल तिराहा होते हुए मडियाहूं की तरफ जाने वाले है। मुखबिर खास की उक्त सूचना पर विश्वास करके थानाध्यक्ष सिकरारा द्वारा थानाध्यक्ष बक्शा एंव प्रभारी निरीक्षक मडियाहूं जनपद जौनपुर को सूचना से अवगत कराते हुए गुलजारगंज बाजार के बाहर कठार रोड पर वाहनो का सघन चेकिंग अभियान प्रारम्भ किया गया। तभी काले रंग की एक स्कार्पियों वाहन सं0 UP62CS7474  की आते हुए दिखाई दी। उक्त वाहन को रूकने का इशारा करने पर उक्त अभियुक्त अपनी गाड़ी को न रोकते हुए पुलिस वालो के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायर करते हुए भागने लगे। जिनका पीछा किया गया तब तक आगे से थाना मडियाहूं एंव थाना बक्शा की पुलिस बल के आ जाने से अभियुक्तगण घिर गये तथा अन्धाधुन्ध फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास कर रहे थे। अभियुक्तों की फायरिंग के दौरान एक गोली थानाध्यक्ष सिकरारा के बुलेट प्रूफ जैकेट में आकर लगी। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ की गयी फायरिंग में एक अभियुक्त सचिन यादव उर्फ देवा पुत्र महेन्द्र यादव निवासी ग्राम देवापार थाना मडियाहूं जौनपुर के पैर में गोली लगी जिससे वह घायल होकर गिर गया। तथा शेष दो अभियुक्त अन्धेरे का लाभ उठाकर भाग गये।  घेराबंदी के दौरान मुकदमें से संबंधित सहयोगी वांछित अन्य दो अभियुक्त विजय यादव पुत्र मेवालाल यादव निवासी ग्राम बोधापुर थाना सिकरारा,चन्द्रशेखर यादव पुत्र रामदुलार यादव निवासी ग्राम प्रेमराजपुर थाना- सिकरारा,को भी गिरफ्तार किया गया। तत्पश्चात घायल अभियुक्त की तलाशी के दौरान उसके पास से एक देशी पिस्टल.32 बोर ,चार जिन्दा कारतूस .32 बोर .एक खोखा कारतूस .32 बोर.तीन मोबाइल ,एक काले रंग की स्कार्पियोषवाहन सं0  UP62CS7474 बरामद हुआ। जिसके सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 059/2024 धारा 307 भादवि व 3/25 आयुद्ध अधि0 पंजीकृत किया गया। पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि उक्त अभियुक्त थाना स्थानीय पर पंजीकृत मु0अ0सं0 55/2024 धारा 302/120बी/34 भादवि का वांछित अभियुक्त है। 
पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशो का जो क्राइम इतिहास बताया उसके अनुसार सचिन के उपर हत्या, मारपीट आदि धाराओं आधा दर्जन से अधिक मुकदमें विभिन्न थानो में दर्ज है। मजेदार बात यह है कि पुलिस इस हत्याकांड के शामिल होने का दावा करते हुए हत्याकांड के अभियुक्त के रूप में गिरफ्तारी तो कर रही है लेकिन अभी तक हत्या के असली कारण को नहीं बता सकी है। आखिर जब हत्यारे पकड़े जा रहे है तो हत्या के कारण का खुलासा भी होना चाहिए। 
एक बात और भी है कि घटना के दिन पुलिस ने खमपुर गांव से ग्रामीण जनों के साथ मिलकर कर तीन बदमाशो को पकड़ने का भी दावा कर चुकी है और उस समय भी एक बदमाश के पैर में गोली लगने का बयान जारी किया था आखिर वे सभी गिरफ्तार कहां गये और कौन है। जिसको पुलिस की गोली लगी थी वह बदमाश कहां गया। इस तरह के तमाम सवालात पुलिस की कार्रवाई को सवालो के कटघरे में खड़ा कर रहे है।

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