बच्चे के शव का दाह-संस्कार 72 घन्टे बाद हुआ लेकिन चार दिन बाद तक जिम्मेदारो के खिलाफ कार्रवाई नहीं क्यों ?
जौनपुर। थाना पंवारा स्थित बामी गांव के
तालाब में डूबने से मृत छात्र का 72 घंटे बाद बृहस्पतिवार को रामघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सुबह सीओ मछलीशहर और थानाध्यक्ष पंवारा बामी गांव पहुंचे और परिजनों से मिले। इसके बाद परिजन शव लेकर दाह संस्कार के लिए रवाना हुए। एक बड़ा सवाल है कि आखिर बच्चे के शव का दाह-संस्कार नहीं करने के पीछे के कारण पर सरकारी तंत्र कितना गम्भीर है। जिम्मेदारो को क्या दण्ड मिला है।
यहां बता दें कि विगत 19 मार्च मंगलवार को इस गांव के कंपोजिट विद्यालय के कक्षा दो में पढ़ने वाले छात्र शशिकांत त्रिपाठी की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बुधवार शाम को परिजन शव लेकर घर आ गए। मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। जानकारी मिलने पर बुधवार को खंड शिक्षा अधिकारी विपुल कुमार उपाध्याय ने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें मामले में कानूनी कार्रवाई में सहयोग देने का आश्वासन दिया। मुकदमा दर्ज नहीं होने पर शव को स्कूल में रखकर प्रदर्शन करने की योजना बनने की बात किसी तरह से प्रशासनिक अधिकारियों को दी। बृहस्पतिवार की सुबह ही सीओ मछलीशहर व थानाध्यक्ष ने परिजनों से मुलाकात की।
इस बाबत सीओ गिरेंद्र सिंह ने बताया कि परिजनों को मामले में जांचोपरांत रिपोर्ट आने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद छात्र का शव लेकर वे अंतिम संस्कार के लिए चले गए। हलांकि अभी तक किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ सरकारी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था के बाद भी बच्चा तालाब के किनारे शौच के गया इसके लिए जिम्मेदार आखिर कौन है। इसका खुलासा क्यों नहीं किया जा सका है। प्राथमिक शिक्षा के शीर्ष अधिकारी ने घटना के दिन दावा किया था कि जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी घटना के चार दिन बाद तक आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकी है यह एक बड़ा सवाल सरकारी तंत्र के खिलाफ है।
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