भाजपा नेता हत्याकांड: घटना के 24 घन्टे बाद भी पुलिस हत्या के असली कारण को खोज नहीं सकी
प्रमोद हत्याकांड में तीन यादव युवक पुलिस की हिरासत में पूछ-ताछ जारी
जौनपुर। जनपद मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूरी पर जौनपुर प्रयागराज मार्ग पर स्थित बोधापुर गांव के पास थाना सिकरारा क्षेत्र के बोधापुर गांव के निवासी भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद कुमार यादव हत्याकांड के सही कारण का खुलासा घटना के 24 घन्टे बाद तक पुलिस स्पष्ट रूप से नहीं कर सकी है। जबकि इस हत्याकांड के मुकदमें में एक अभियुक्त नामजद भी बताया जा रहा है। पुलिस के सभी अधिकारी एसपी और डीआईजी तक दावा ठोंक रहे है कि जल्दी ही हत्यारे सलाखों के पीछे पहुंचा दिये जायेंगे। सूत्र की माने तो घटना के दिन ही खमपुर गांव से तीन युवक जो यादव परिवार से है को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है एक को पुलिस की गोली भी लगने की खबर है। अगर पुलिस हिरासत में लिए गए वास्तव में इस हत्याकांड के अपराधी है तो उसके खुलासे में विलम्ब क्यों किया जा रहा है।
यहां बता दें कि प्रमोद कुमार यादव का किसी व्यक्ति से कोई खास रंजिश नहीं थी जैसा कि परिवार के लोग बता रहे है इसके बाद भी घर से भाजपा कार्यालय जाते समय गांव के बाहर प्रयागराज मार्ग पर उनको कार्ड देने के बहाने रोक कर दिन दहाड़े उनके उपर गोलियों की बौछार करना बड़ी ही दुस्साहस पूर्ण घटना मानी जा रही है। पुलिस इस हत्याकांड के पीछे दो कारण मान रही है पहला कारण पैसे के लेन देन का हो सकता है दूसरा कारण ग्राम पंचायत के चुनाव की रंजिश हो सकती है। जमीनी विवाद किसी से नहीं है इसलिए ऐसे किसी विवाद की संभावना से पुलिस इनकार कर रही है।
खबर यह भी मिल रही है कि भाजपा नेता की हत्या करने से पहले पेशेवर बदमाशो की तरह हत्यारो ने बाकायदा उनकी रेकी किया था जब वह घर से निकले तो घर से थोड़ी दूरी पर उनका इंतजार कर रहे थे। कार्ड देने के बहाने उनकी गाड़ी को रोको और जैसे ही शीशा खोलकर प्रमोद बात करना चाहे हत्यारो ने उनके सीने और पेट में सात गोलियां दाग कर फरार हो गये। हलांकि घटना के बाद आसपास के ग्रामीण बदमाशो का पीछा किए लेकिन बदमाश असलहा लहराते हुए भागने मे सफल रहे।
खबर मिली है कि बदमाशो का पीछा कर रही पुलिस ने खमपुर गांव से तीन युवको को गिरफ्तार किया है इसमें से एक युवक स मई नदी में छलांग लगाने के प्रयास में था उसे पुलिस ने गोली मारा है घायल हो गया है। इतना सब कुछ होने के बाद हत्या का असली कारण सामने नहीं आया है। यहां एक बात और यह भी है कि भाजपा नेता के हत्यारे कहीं बाहरी नही है आसपास गांव के ही बदमाश है।ऐसा पुलिस बता भी रही है। फिर भी कारण स्पष्ट नहीं कर पा रही है।
हत्याकांड के बाद जिले के सभी आला अफसरो के साथ वाराणसी परिक्षेत्र के अधिकारी गण घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए पुलिस को घटना के अनावरण के लिए लगाया गया है। घटना के बाद से लगातार बोधापुर गांव में पुलिस का पहरा लगा हुआ है।
विदित हो कि प्रमोद के पिता जनसंघ से जुड़कर सियासत करते रहे तो प्रमोद भी भाजपा से जुड़कर सियासत कर रहे थे 2012 में भाजपा के टिकट पर मल्हनी विधानसभा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए उसके बाद भाजपा जुड़कर पार्टी का काम कर रहे थे।
जिस प्रकार से प्रमोद यादव की हत्या घर से निकलते ही गोली मारकर की गई है ठीक उसी तरह इनके पिता स्व राजबली यादव की भी हत्या जौनपुर मुख्यालय स्थित आवास से निकल कर बोधापुर गांव जाते समय की गयी थी।
इस हत्याकांड के खुलासे में विलम्ब होने से भाजपा के जिला स्तरीय नेताओ में पुलिस की कार्रवाई के प्रति खासी नाराजगी नजर आ रही है। भाजपा के लोग कह रहे है कि अगर जल्द खुलासा नहीं हो जाता है तो पुलिस विभाग को लोगो को शिथलता और लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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