पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में जौनपुर की अहम भूमिका एसटीएफ को मिली,जानें कहां से जुड़ा है कनेक्शन


यूपी में पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मामले में एसटीएफ की जांच टीम को जौनपुर जिले की अहम भूमिका नजर आ रही है। एसटीएफ की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पेपर लीक और उसके वायरल होने में जौनपुर का कनेक्शन सबसे अहम है। पेपर लीक में मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में शामिल गैंगों से लेकर बिहार के कुख्यात रंजीत डॉन गैंग के लोग शामिल थे। एसटीएफ हरियाणा में सक्रिय गैंगों पर भी नजर रखे हुए है।
आरोपितों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि पेपर लीक का केंद्र एक ही था और उसे कई लेयर में अलग-अलग एजेंटों के जरिए बेचा और वायरल किया गया। पड़ताल इसी बात पर केंद्रित है कि विभिन्न लेयरों की जांच करते करते हुए मुख्य आरोपित तक पहुंचा जाए। एसटीएफ व यूपी पुलिस द्वारा जौनपुर से गिरफ्तार सभी आरोपितों का ब्योरा विशेष रूप से खंगाला जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बड़े पैमाने पर पेपर लीक जौनपुर से हुआ है। एसटीएफ इस मामले में एमपी से लेकर बिहार के गैंग को खंगाल रही है। दरअसल झांसी में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार रजनीश रंजन बिहार के कुख्यात गैंग रंजीत डॉन से जुड़ा हुआ है, जिसे नकल माफिया और पेपर लीक के मास्टर माइंड के रूप में जाना जाता है। वहीं झांसी से ही गिरफ्तार अमिताभ रावत व्यापमं घोटाले में जेल जा चुका है।
पेपर लीक के केंद्र को तलाशने के लिए एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती ‌ एवं प्रोन्नति बोर्ड से परीक्षा की पूरी प्रक्रिया समझी। एसटीएफ के अधिकारियों ने यह जानने का प्रयास किया कि एजेंसी चुने जाने से लेकर परीक्षा करवाने, प्रश्न पत्र पहुंचाने, कॉपी जमा कराने में किस स्तर से कौन-कौन जुड़ा हुआ है।एसटीएफ ने इन सभी का ब्योरा बोर्ड से मांगा है। साथ ही एसटीएफ ने बोर्ड से उन प्रत्यावेदन का भी ब्योरा भी मांगा है, जो 1500 अभ्यर्थियों ने उन्हें भेजा है। इसमें वॉटसऐप चैट के स्क्रीन शॉट, वायरल विडियो, मैसेज, एक्स पर शेयर की गई पोस्ट और हाथ से लिखे प्रश्न पत्र की प्रतियां शामिल हैं।
एसटीएफ की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि परीक्षा केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से नकल रोकने के लिए जैमर लगाए गए थे। लेकिन ये जैमर काम नहीं आए। क्योंकि लगाए गए जैमर 4जी नेटवर्क के लिए थे। वे 5जी कम्युनिकेशन को रोकने में सक्षम नहीं थे। एसटीएफ ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी और पेपर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के सभी स्टाफ का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। इन सभी से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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