सारनाथ का खंडहर वन फर्जी गाइडों का बना लूट का अड्डा और पर्यटन पुलिस बनी महाभारत के धृतराष्ट्र? लूटे जा रहे है पर्यटक


 
सारनाथ  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार की संस्था जो विश्व विरासत (हेरिटेज मोनोमेंट) को संरक्षित करती हैं सारनाथ का धनेक स्तूपा (मोनोमेंट मियुजियम ) अर्कोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा संरक्षित किया गया एक स्मारक हैं ,जहां पूरे विश्व से जापान,साउथ कोरिया, वियतनाम, तिब्बत,चाइन,अमेरिका,थालीलैंड,आदि  के लोग बौद्ध के प्रथम उपदेश तीर्थ स्थल पर वीजा पर्यटक के रूप में आते है। उनको विजिट कराने के लिए भारत सरकार ने केंद्र एम राज्य सरकार की मदत से एएसआई (ASI) द्वारा स्टैमपिंग (मुहर) से गाइड नियुक्त किया गया हैं। 
आप को बता दे की जिन गाइडों के पास ASI की अहर्ता नही है। ASI की स्टैमपिंग वैधता भी नही हैं ऐसे ही कुछ एक लोग सारनाथ को बदनाम कर रहे है। इस खेल में सुपरिटेंडेंट की भी खास भूमिका बताई जा रही है। इतना ही नहीं पर्यटक पुलिस एवं यूपी पुलिस की भी मिलीभगत पूरी तरह होने की चर्चा है। जो ASI संरक्षित स्मारकों में फर्जी गाइड बन कर  काम करवा रही है। 
यूँ तो सारनाथ पूरे परीक्षेत्र में कई रजिस्टर्ड संस्था गाइड के रूप में काम कर रही है लेकिन एक मान्यता प्राप्त गाइड राजेंद्र पाण्डे कि संस्था (सारनाथ टूरिस्ट गाइड एसोसियेशन) sadga ने फर्जी गाइड नियुक्त कर एसोसियेशन बनाया है। जिसमें मान्यता प्राप्त गाइड केवल वही हैं लेकिन sadga के नाम को बदनाम कर के कई फर्जी गाइड भगवान बौद्ध के नाम से गलत जानकारी बता रहे हैं जबकि सच है कि खुद उनको कोई जानकारी नहीं है बुद्ध को भगवान बनाकर पेस कर रहे हैं जो बुद्ध ने सिर्फ ज्ञान की बात कही थी।अप्प दीपो भव: अपना दीपक खुद बनो,तथाकथित गाइड के लोगो के पास न तो आई कार्ड के ASI  की स्टैमपिंग मुहर हैं न वैधता है।जो संपूर्ण रूप से गैर कानूनी काम है। बताते चले सारनाथ सुपरिटेंडेंट की मिली भगत से पर्यटकों से मनमाना फीस के नाम पर ज़बरदस्त धन की उगाही करते रहते हैं।
सारनाथ में मात्र 300 मीटर के स्तूप को घुमाने के नाम पर एक घंटे की फीस दो से ढाई हजार वसूल लेते है।कुछ गाइड तो ऐसे हैं जो गाइड योग्यता स्नातक की अहर्ता भी नहीं रखते है। ये भी पर्यटकों को झांसा दे कर 300 सौ की साड़ियां 4 से 5 हजार रुपए में बेचवाते हैं जिसमें 50 प्रतिशत का कमिशन लेते है। 
Sadga संस्था में एक दो गाइड ही मान्यता प्राप्त है बाकी अवैध हैं जिनके पास ASI की मुहर भी वैध नही हैं। पर्यटकों के साथ मनमाना फीस वसूलना कमिशन खाना दबाव बना कर शॉपिंग के लिए प्रेरित करना (sadga )  नामक संस्था के फर्जी गाइडों की आदत में शुमार  हो चुका हैं।
पर्यटक थाना और टूरिस्ट पुलिस को कड़ाई करते हुए शक्ति बरतने के बजाय वह भी 
धृतराष्ट्र की तरह बनी अंधी बनी हुई है और sadga के कुछ फर्जी गाइड दुर्योधन बन के सारनाथ में आने वाले देश और दुनियां के लोगो के साथ जबरदस्ती नोचने खसोटने में मशगूल हैं। इस मुद्दे पर भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय एवं पुलिस प्रशासन विभाग की चुप्पी जनता को हैरान व परेशान कर रही है सारनाथ का खंडहर वन गैर रजिस्टर्ड संस्था के फर्जी गाइड हरियाली काट रहे है।

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