चुनाव का एलान नहीं लेकिन भाजपाई दावेदार पोस्टर बैनर के जरिए शुरू किए प्रचार अभियान जानें किसकी क्या है स्थिति

 

जौनपुर। चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की अधिकृत रूप से घोषणा भले ही नहीं किया है  लेकिन सांसद बनने का सपना संजोए लोग अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए जन सम्पर्क से लेकर अपने राजनैतिक आकाओ के दरबार में मत्था टेकने का काम तेज गति से शुरू कर दिये है। साथ ही अपने प्रचार के लिए संसदीय क्षेत्र के अन्दर सड़क पर लगे खम्भो और सार्वजनिक स्थलो पर पुल और पुलिया आदि स्थानो पर पोस्टर बैनर में टंगे नजर आने लगे है। लोकसभा के इस चुनाव में लगभग सभी राजनैतिक दलो में सामान्य सीट जौनपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले हाथ पांव मारना तो शुरू कर दिए है लेकिन सबसे अधिक मारामारी भाजपा के अन्दर देखने को मिल रही है।
यहां बता दे कि लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी करने वालो में पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व सांसद केपी सिंह, समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह, सहकारी बैंक के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री रहे कुंवर वीरेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री महाराष्ट्र कृपा शंकर सिंह, पूर्व विधायक हरेन्द्र प्रताप सिंह, अजय सिंह, आईएएस से त्याग पत्र देकर फिल्मी दुनियां में जाने वाले अभिषेक सिंह, आरएसएस से जुड़े शतरूद्ध सिंह सहित मनीष चौरसिया का नाम शामिल है। इस तरह नामो पर अगर दृष्टि डाली जाए तो लगभग सभी दावेदार क्षेत्रीय समाज से है एक नाम ओबीसी से दावा कर रहा है।
चुनाव लड़ने वाले दावेदारो के बिषय में चर्चा करे तो सुरेन्द्र प्रताप सिंह का भाजपा में लगभग 50 साल का राजनैतिक कैरियर है और भाजपा से विधायक भी रह चुके है जिले में लोग बतौर नेता के रूप में जानते है। सुरेन्द्र प्रताप सिंह छात्र राजनीति से भाजपा से जुड़े तो आज तक भाजपा में ही रह गये अब अपने पुराने संबंधो की दुहाई देते हुए पार्टी से टिकट की अपेक्षा कर रहे है। पार्टी के नीतियों को लेकर जौनपुर संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रो में मतदाताओ के बीच पहुंचते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का अभियान शुरू कर दिए है। अभी तक सभी इलाके में पहला राउंड पूरा भी कर लिए है।
पूर्व सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी सिंह प्रदेश स्तरीय भाजपा के नेता एवं मंत्री रहे स्व उमानाथ सिंह के पुत्र है और एक बार भाजपा के टिकट पर सांसद बने थे।इनका परिवार राजनैतिक परिवेश से आता है और इनके परिवार की सरलता सहजता पूरे जनपद में मानी जाती है। स्व उमानाथ सिंह के साथी रहे संघ के एक वरिष्ठ नेता का समर्थन इनको प्राप्त है इसलिए बड़ी मजबूती के साथ टिकट की दावेदारी अन्दर खाने में कर रहे है। हलांकि इनके पिछले कार्यकाल की चर्चा भी जनपद में हो रही है।
जहां तक कुंवर वीरेन्द्र प्रताप सिंह का सवाल है इनका भी राजनैतिक जीवन लगभग 50 पुराना है कांग्रेस से अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत करते हुए यह जिला सहकारी बैंक पर आज तक काबिज है। 14 वीं बार चैयरमैन पद को हथियाने वाले कुंवर वीरेन्द्र प्रताप सिंह चुनाव के मझे हुए खिलाड़ी है। लैक्ट पेड में दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहे है।वर्तमान में भाजपा की राजनीति करते हुए श्री सिंह अपने पूरे बायोडाटा को पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को देते हुए टिकट की दावेदारी कर रहे है। इनके साथ एक बड़ी बात है कि इनके पुराने साथियों की एक बड़ी तादाद पूरे जिले में है जो हर हाल में चुनाव के समय इनके साथ नजर आती है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह की बात की जाए तो यह जहां आर्थिक रूप से मजबूत है और आम जनमानस की सेवा करते हुए पूरे जनपद में लोकप्रिय है। इनकी सरलता सहजता इनकी पूंजी है। ज्ञान प्रकाश सिंह आरएसएस और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओ के सम्पर्क में है और भाजपा के धार्मिक कार्यक्रमो में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते हुए टिकट की चाहत में है। इनको भी एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। ज्ञान प्रकाश सिंह जिले में कई धार्मिक कार्यक्रम करते हुए जन नेता के रूप में खुद को स्थापित कर लिए है। गरीबो की सेवा करना इनकी खासियत है।जनपद की सियासत में प्रवेश करने के पश्चात इनके तमाम कारनामे जन सेवा के सराहनीय माने जाते है।
कृपा शंकर सिंह की बात करें तो इनके भी राजनैतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से हुई है और महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे। अब भाजपा में आने के बाद जौनपुर संसदीय क्षेत्र से संसद में पहुंचने का सपना लिए टिकट की मांग कर रहे है।इनका पूरा राजनैतिक क्षेत्र महाराष्ट्र ही रहा है जौनपुर के निवासी होने के नाते हाथ पांव मार रहे है। इनके साथ इनके कुछ स्वजातीय लोग जी हां करते जरूर है लेकिन आम जनमानस के बीच ये मुम्बई के नेता माने जाते है।
डां हरेन्द्र प्रताप सिंह जफराबाद विधानसभा क्षेत्र से 2017 में विधायक चुने गए थे। 2022 के चुनाव में फिर लड़े लेकिन नाराज जनता ने इनको पराजय का स्वाद चखाया अब लोकसभा में जाने की मंशा लिए आकाओ के दरबार में दत्तक तो दे रहे है लेकिन इनकी छबि आम मतदाताओ के बीच एक अच्छे राजनेता की अभी तक स्थापित नहीं हो सकी है इनको लोग पक्षकार के रूप में देखते है। यह भी पूरी ताकत के साथ अपने आकाओ के जरिए टिकट की मांग कर रहे। इनके पोस्टर बैनर भी टंग चुके है।
अभिषेक सिंह पहले बार चर्चा में आये गणेश उत्सव के नाम पर आईएएस अधिकरी रहते हुए टीडी कॉलेज के मैदान में गणेश उत्सव के नाम पर आरकेस्ट्रा कार्यक्रम करते हुए जिले के युवाओ को भोजपुरी फिल्म की हिरोइन के साथ नचाया और अमर्यादित गाने परोसते हुए युवाओ एक गलत संदेश दिया। इसकी खबर प्रदेश स्तर पर खूब प्रचारित हुई इसके बाद ये आईएएस पद से त्यागपत्र दे दिये और खुद फिल्मी दुनियां की राह पकड़ ली। अब यह भी अपनी लोकप्रियता के लिए जौनपुर से अयोध्या तक जनपद वासियों को दर्शन कराने के लिए बस चलाने का एलान किए है कोई किराया नहीं लगेगा। खबर है कि किसी बड़े धन कुबेर का इनपर बर्धहस्त है जिसके जरिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से टिकट झटकने की फिराक में है हलांकि जनपद की आवाम इनको नेता के रूप में नहीं देख रही है।
मनोज सिंह की बात करे तो यह भाजपा से विधानसभा का चुनाव लड़े हार गये अब सांसद बनने की चाहत लिए खुद को देश के गृह मंत्री का खास बताते हुए टिकट का दावा कर रहे है लेकिन जनमत है कि विधानसभा चुनाव हारने वाला लोकसभा में क्या कर लेगा स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है। इतना ही नही आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले शतरूद्ध सिंह की पकड़ राष्ट्रीय स्तर पर चाहे जितनी हो जौनपुर संसदीय क्षेत्र में न के बराबर मानी जा रही है। ये भी पोस्टर के जरिए चुनाव में आने की लालसा पाले है। अजय सिंह नाम के एक व्यक्ति का पोस्टर देखने को मिलता है। जन मानस को यही नही पता कि यह जौनपुर में किस क्षेत्र के है टिकट के लिए व्याकुल है।मनीष कुमार चौरसिया यह पेन्ट का काम करते हुए कभी सपाई थे अब भाजपा का टिकट चाहते है।इनके आका कौन है यह तो नहीं पता लेकिन इनकी पहचान अभी तक जिले में किसी भी स्तर पर स्थापित नहीं हो सकी है।
इस तरह दावेदार अपनी ताकत लगाए हुए है टिकट किसे मिलेगा कौन होगा भाजपा का अधिकृत उम्मीदवार यह फिलहाल अभी भविष्य के गर्भ में है। जो भी भाजपा अगर किसी चुनाव के चाणक्य को मैदान मे नहीं लाई तो भाजपा के सपनो को आघात लगने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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