खूबसूरत संविधान के लिए देश बाबा साहब अम्बेडकर का सदैव ऋणी रहेगा-राकेश मौर्य



जौनपुर।गणतंत्र दिवस के अवसर पर समाजवादी पार्टी के ज़िला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने झंडारोहण किया तत्पश्चात राष्ट्रगान से पूरा वातावरण देशप्रेम से ओत प्रोत हो गया।इस अवसर पर गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ज़िलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश को अपना संविधान मिला था। संविधान के बिना कोई देश नहीं चल सकता। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। आज इसी ऐतिहासिक और शुभ दिन की 75वीं सालगिरह है।
15 अगस्त 1947 को हमारा देश 100 साल की गुलामी से आज़ाद हो गया तब हमारे पास अपना कोई संविधान नही था। 26 जनवरी 1950 को भारत को एक खूबसूरत संविधान मिला जिसके लिए पूरा देश बाबा साहब अम्बेडकर का ऋणी रहेगा।ज़िलाध्यक्ष ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग संविधान की शपथ लेकर उसके विपरीत तानाशाही का व्यवहार प्रदर्शित कर रहे हैं,जिससे भारत का लोकतंत्र खतरे में दिखाई दे रहा है।
गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व एमएलसी विधान परिषद में मुख्य सचेतक रहे लल्लन प्रसाद यादव ने कहा कि देश में एकमात्र विचारधारा समाजवादी है जिससे भारत का संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है।
इस मौके पर सपाइयों ने अपने विचार प्रकट करते हुए देश के अमर बलिदानियों और शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर दीपचंद राम, सुशील दुबे, आरिफ हबीब,राजेंद्र टाइगर, हिसामुद्दीन शाह,राजबहादुर यादव,कलीम अहमद, जगदीश प्रसाद मौर्य, अल्मास सिद्दीकी, विवेक रंजन यादव,अनवारूल हक गुड्डू,सोनी यादव, कमाल आज़मी, रूबी बिंद, फिरोज़ पप्पू, इरशाद मंसूरी,प्रभाकर मौर्या, जयप्रकाश यादव प्रिंसू,वीरेंद्र यादव कमालुद्दीन अंसारी, मनोज मौर्य, अज़मत अली, बरसातू राम, सोहैल अंसारी, रत्नाकर चौबे,अमजद अंसारी सरफराज़ अंसारी, सेराज दरोगा, अज़ीज़ फरीदी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
इस अवसर पर ज़िलाध्यक्ष राकेश मौर्या के द्वारा नन्हे मुन्ने प्यारे बच्चो में तिरंगा झंडा व मिस्ठान वितरित किया गया।गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य और संचालन श्याम बहादुर पाल ने किया।

Comments

Popular posts from this blog

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार

अटल जी के जीवन में 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा"की थी स्पष्ट क्षलक -डा अखिलेश्वर शुक्ला ।

पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने वापस ली याचिका ,हाईकोर्ट ने नए सिरे से जनहित याचिका दाखिल करने की दी अनुमति,जानें क्या है विवाद