स्वामी विवेकानन्द आध्यात्मिक मनीषी: प्रो. रणजीत पाण्डेय



समोधपुर पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस का हुआ आयोजन 

जौनपुर। गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर में 12 जनवरी 24 को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर रणजीत कुमार पाण्डेय ने की। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई । संगोष्ठी में बोलते हुए प्राचार्य प्रोफेसर पांडेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक आध्यात्मिक मनीषी थे। उन्होंने स्वामी जी के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रसंगों को बताया।
भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह ने कहा कि प्रत्येक युवा को निश्चित लक्ष्य बनाना चाहिए और उसकी प्राप्ति के लिए सतत प्रयत्न करना चाहिए । अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नीलमणि सिंह ने विवेकानंद जी के बारें में बताते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को किसी भी कार्य को मनोयोग से करना चाहिए ।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ इंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि हमें विवेकानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेकर दृढ़ निश्चय से लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए । बीएड विभाग के प्राध्यापक डॉ लालमणि प्रजापति ने स्वामी विवेकानंद के शिक्षा के उद्देश्य का वर्णन किया ।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ आलोक प्रताप सिंह 'विसेन' ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन आध्यात्मिक और प्रेरणादायक था। हिंदी विभागाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा भारत युवाओं का देश है।युवाओं से विवेकानन्द ने कहा कि सभी शक्तियां आपके भीतर हैं, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं' से सीख लेकर राष्ट्र के नवनिर्माण और समाज उत्थान में भूमिका निभानी चाहिए।
मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष श्री विष्णुकांत त्रिपाठी ने  बताया कि विवेकानंद जी कहते थे 'मैं उस प्रभु का सेवक हूं, जिसे लोग मनुष्य कहते हैं' ।समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष श्री विकास कुमार यादव ने विवेकानंद जी के जीवन पर प्रकाश डाला ।
भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष नीलम सिंह ने कहा प्रत्येक विद्यार्थी को स्वामी विवेकानंद जी अनमोल विचारों से सीख लेना चाहिए।भूगोल विभाग के प्रयोगशाला सहायक डॉ सन्दीप सिंह ने कहा कि स्वामी जी ने शिकागो के धर्म संसद में भारत का नाम गौरवान्वित किया ।


छात्राध्यापक-छात्राध्यापिकाएँ, छात्र-छात्राओं प्रह्लाद मौर्य, जितेंद्र कुमार, सन्दीप, मुकेश, स्मृति दुबे, श्रेया तिवारी, अंजली यादव, सौरभ तिवारी, सत्यम तिवारी, प्रज्ञा यादव, स्वाति दुबे, श्वेता,गरिमा सिंह, ऋचा सिंह, प्रीति विश्वकर्मा, अंशिका शुक्ला, पुष्कर सिंह,खुशी सिंह, काजल विश्वकर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत किए ।
संगोष्ठी का संचालन डॉ अवधेश कुमार मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ आलोक प्रताप सिंह विसेन ने किया।इस अवसर पर भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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