मां और शिशु की मृत्यु दर रोकने के लिए तेजी के साथ गर्भवती महिलाओ की पहचान है जरूरी- डाॅ लक्ष्मी सिंह
जौनपुर।आकांक्षात्मक विकासखंड कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का चार दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मछली शहर पर किया गया, जिसमें एएनएम ,आशा और आशा संगिनी को मा और शिशु मृत्यु दर को कम करना व जच्चा बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की अति शीघ्र पहचान कर उनका पंजीकरण करते हुए टीकाकरण कराना , गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार स्वास्थ्य जांच करना जेंडर भेदभाव को खत्म करना, बर्थ प्लान तैयार करना, स्तनपान कराने के बारे में ,कम वजन के जन्मे बच्चों की देखभाल बच्चों के टीकाकरण एनेमिक महिलाओं की पहचान करना और उनका प्रबंधन करना आदि के विषय में प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.लक्ष्मी सिंह ने बताया कि हम सब जितना जल्दी गर्भवती महिलाओं की पहचान करके उनका पंजीकरण कराते हुए उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देना शुरू करेंगे इससे हम मां और बच्चे को सुरक्षित कर सकते हैं और मॉ और शिशु मृत्यु दर को कम कर सकते हैं और समय-समय पर गर्भवती महिलाओं की जांच सुनिश्चित करना और संस्थागत प्रसव करवाना बहुत ही जरूरी है। प्रसव के बाद बच्चे का नियमित टीकाकरण करवाने से बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है। एनीमिया ग्रसित महिलाओं का प्रबंधन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पताल पर किया जा रहा है। जन्म के बाद बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाना चाहिए और 6 माह तक केवल स्तनपान और 6 माह के बाद मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देने से बच्चा स्वस्थ और रोग मुक्त होता है के विषय में जानकारी दी।
यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि हम ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन प्रत्येक ग्राम पंचायत में बुधवार और शनिवार को आयोजित किया जाता ह,ै जहां पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच और बच्चों का टीकाकरण समुदाय स्तर पर किया जाता है।
प्रशिक्षण में डीएमसी यूनिसेफ, गुरदीप कौर, डी सी पी एम रजा जी, डॉ ए.सी. अग्रहरि, बीपीएम विजय पाल, सीपीएम वीरेंद्र कुमार , बीएमसी जयसिंह यादव उपस्थित थे।
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