पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एक छात्र ने फिर मौत को लगाया गले,मचा हड़कंप, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एक छात्र ने आज शनिवार को फिर फांसी पर लटक कर अपनी जीवन लीला खत्म कर लिया है।षदो दिवस के अन्दर दो छात्रों को आत्महत्या कर लेने से जहां विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है वहीं पर विश्वविद्यालयी व्यवस्था भी सवालो के कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है। हलांकि छात्रो के आन्दोलन को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर विश्वविद्यालय परिसर को पुलिस बल के हवाले कर दिया गया है पूरे परिसर में पुलिस का पहरा लगा हुआ है। खबर मिलने के बाद थाना सरायख्वाजा की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
मिली खबर के अनुसार छात्र नीरज कुमार सिंह जनपद मिर्जापुर के रामगढ़ का रहने वाला था वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीटेक का छात्र था। वह विश्वविद्यालय के पास स्थित सिद्दीकीपुर में एक किराये के मकान में अपनी बहन के साथ रहते हुए विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा था। लगभग एक सप्ताह ही पहले उसकी बहन गांव चली गई थी। 15/16 दिसम्बर की रात में छात्र ने अपने किराए के कमरे फांसी लगाकर जान दे दिया। 16 दिसम्बर की सुबह घटना खबर वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कम्प मच गया। हलांकि थाना सरायख्वाजा की पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया साथ ही मृतक छात्र के परिवार जनो को भी सूचित कर बुला लिया गया है।
यहां बता दे कि इसके पहले विगत 14 दिसम्बर गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित चरक छात्रावास में रहकर फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्र ने कीटनाशक (जहर) खाकर आत्म हत्या कर लिया विश्वविद्यालय परिसर पढ़ाई करने वाले दो छात्रो द्वारा दो दिन के अन्तराल में आत्म हत्या की घटनाओ ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सवालो के कटघरे में खड़ा कर दिया है ये दोनो घटनायें पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए आत्म हत्या की पहली घटना है। इन घटनाओ के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगने लगे है।परीक्षा अनुभाग द्वारा परीक्षा परिणाम में की जा रही गड़बड़ियो के कारण छात्र अवसाद में चले जाने के बाद इस तरह की आत्मधाती कदम उठाना शुरू कर दिए है। हलांकि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन उच्च स्तरीय जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के लापरवाही की पोल खुल सकती है।
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