यूपी के मुख्य सचिव की गद्दी पर फिर छह माह के लिए विराजमान हो गए दुर्गा शंकर मिश्रा आईएएस वर्ग में रोष
लखनऊ। यूपी को अन्तिम दिना नया मुख्य सचिव मिल गया मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ही राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक कुर्सी को संभालेंगे,इसे लेकर अन्तिम दिन तक असमंजस बना हुआ था। लेकिन 30 दिसम्बर की रात को दुर्गा शंकर का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाने का आदेश जारी हो गया है।
हालांकि इस दौड़ में शामिल सभी आईएएस अन्तिम दिन तक सेवा विस्तार को लेकर को लेकर केंद्र से आदेश का इंतजार कर रहे थे। दो दिन पहले शुक्रवार को दुर्गा शंकर दिल्ली में ही थे। वे वहां मुख्य सचिवों की कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं। इस बीच चर्चा उठी कि कार्यकाल न बढ़ने की स्थिति में दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1988 बैच की एक महिला अधिकारी को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन पासा ही पलट गया।
चर्चा रही कि हाल में इन महिला अधिकारी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी। महिला अधिकारी का कार्यकाल जून, 2024 तक है। इसके अलावा मुख्य सचिव की रेस में 1988 बैच के IAS अफसर भी हैं। इनमें मौजूदा APC और IIDC मनोज कुमार सिंह का नाम भी शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात 1987 बैच के अरुण सिंघल भी शामिल रहा हैं। दुर्गा शंकर के बाद सिंघल यूपी कैडर के सबसे सीनियर IAS अफसर हैं। उनका रिटायरमेंट अप्रैल, 2025 में है।
दुर्गा शंकर को सेवा विस्तार मिलने और किसी अन्य अधिकारी के नाम पर सहमति न बनने की स्थिति में प्रदेश में एक बार फिर आईएएस अधिकारियों जबरदस्त नाराजगी की खबर आयी है।
किसी भी अधिकारी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से पहले विजिलेंस क्लीयरेंस मांगा जाता है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार दुर्गा शंकर का क्लीयरेंस नहीं गया लेकिन आदेश केन्द्र से आ गया और छह माह के लिए विस्तार मिल गया। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछली बार जब दुर्गा शंकर का कार्यकाल बढ़ा था, तब एक दिन पहले राज्य सरकार की तरफ से विजिलेंस क्लीयरेंस स्टेट प्लेन से भेजा गया था। मौजूदा मुख्य सचिव का कार्यकाल न बढ़ने की स्थिति में चर्चा रही लेकिन अन्दर खाने में पूरा खेल हो गया मुख्य सचिव की कुर्सी के इंतजार में बैठे आईएएस अधिकारी ताकते रहे दुर्गा शंकर मिश्र ने सबको झटका देते हुए अन्तिम दिन कुर्सी पर काबिज हो गए। वर्तमान कार्यकाल के अन्तिम दिन 31 दिसंबर को मुख्य सचिव पद को लेकर फैसला खासा चर्चा का बिषय बना है।
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