लोकतंत्र के सजग प्रहरी और महान समाजवादी चिंतक थे लोकबंधु राजनारायण - राकेश मौर्य
जौनपुर। जनपद मुख्यालय स्थित सपा कार्यालय पर लोकबंधु राजनारायण की 37वीं पुण्यतिथि पर आयोजित की गई। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे ज़िलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि डॉ राममनोहर लोहिया के विचारों को राजनारायण जी ने कार्यरूप में ही नहीं लिया बल्कि उसे मूर्त रूप प्रदान किया। पूरे देश में इस वक्त जिस प्रकार सांप्रदायिकता, अराजकता, असमानता, आतंक और भय का माहौल बना है उसमें लोकबंधु राजनारायण के विचार और कर्म की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।
इस मौके पर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए केराकत के विधायक तूफानी सरोज ने कहा कि समता, समानता पर आधारित समाज व्यवस्था की संरचना के लिए उनके विचारों पर आधारित संघर्ष की जमीन नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है। डॉ राममनोहर लोहिया ने उनके बारे में कहा था कि, राजनारायण जब तक जिंदा हैं, लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है। आज जब हमारी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है और लोकतांत्रिक मूल्यों की खुली हत्या हो रही है, ऐसे समय में एक बार फिर लोकबंधु राजनारायण के चरित्र और विचार को जिंदा करने की जरूरत है।
मछलीशहर की विधायक डा.रागिनी सोनकर ने कहा कि राजनीतिक सोच व सभ्यता में टकराव देखने को मिल रहा है। एक ओर ऐसी ताकतें हैं जो सबसे ऊंची पायदान पर बैठे लोगों के हितों की रक्षा के लिए समूची सत्ता, व्यवस्ता का बेजा इस्तेमाल कर रही है। वहीं दूसरी तरफ वो ताकते हैं जो समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों के हितों के प्रति न सिर्फ संवेदनशील हैं बल्कि उनकी आवाज को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हैं। हालांकि अभी यह प्रयास पूरी तरह संगठित नजर नहीं आ रहा। ऐसी स्थिति में लोकबंधु राजनारायण की स्मृतियों को जीवंत करने के साथ ही समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष की ज़रूरत है।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि लोकबंधु राजनारायण जी दलितों एवं पिछड़ों के लिए समाज में गैर बराबरी, ऊंच नीच, छुआछूत तथा सामाजिक न्याय की लड़ाई जीवनपर्यंत लड़ते रहे।लोकबंधु की पुण्यतिथि पर उपस्थित सपाजनों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर पूर्व महासचिव हिसामुदीन शाह, श्यामबहादुर पाल, आरिफ हबीब, श्याम नारायण बिंद, राजन यादव, जय प्रकाश प्रिंसु, गामा सोनकर ,शिवजीत यादव, गुड्डू सोनकर,भानु मौर्य, सुहैल अंसारी, मनोज मौर्य, डा. सरफराज़,अनवारूल हक, सोचनराम विश्वकर्मा,कमालुद्दीन अंसारी, प्रभाकर मौर्य,वीरेंद्र यादव, कमाल आज़मी हीरालाल विश्वकर्मा,अनिल यादव,धर्मेंद्र चौरसिया, धर्मेंद्र सोनकर, अमजद अंसारी, सहित समस्त विधान सभाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। संचालन राजेंद्र यादव ने किया।
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