शिराजे-ए-हिंद गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल है: डॉ अब्दुल कादिर
डा0 अब्दुल कादिर ने दिया है राम मंदिर निर्माण में एक लाख, एक हजार एक सौ एक रूपयें का योगदान
जौनपुर। अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे प्रभु राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां हिन्दू समाज उत्साहित है वही मुस्लिम वर्ग के लोग भी भागवान राम के प्रति अपनी अटूट आस्था दिखा रहे है। राम मंदिर निर्माण में एक लाख, एक हजार एक सौ एक रूपयें का योगदान देकर मोहम्मद हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डा0 अब्दुल कादिर खान ने गंगा - जमुनी तहजीब की मिशाल पेश किया है। उन्होने मीडिया से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे देश की आत्मा है।
राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को कोर्ट द्वारा निपटारा होने के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ जो अब पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को भागवान राम को मंदिर में स्थापित करने जा रहे है। मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में धन संग्रह का कार्य शुरू हुआ था। सन् 2021 में मोहम्मद हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डा0 अब्दुल कादिर खान ने भी स्वेच्छा से एक लाख , एक हजार, एक सौ, एक रूपये का योगदान किया था। अब मंदिर बनकर तैयार हो गया है 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम स्थापित हो जायेगें।
प्राचार्य डा0 अब्दुल कादिर खान ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे देश की आत्मा है वह सबके लिए है उन्हें भुलाया नहीं जा सकता है। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण आपसी भाईचारा का प्रतीक है इसमें सभी देशवासियों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है इसे कोई खत्म नहीं कर सकता है, अंग्रेज भी यहाँ 2 सौ साल तक शासन किया लेकिन हमारी एकता की संस्कृति को भी मिटा नहीं पाए। उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय के प्रांगण में एक सप्ताह तक यज्ञ कार्यक्रम किया गया और 22 जनवरी से 29 जनवरी तक राम जन्मभूमि निर्माण की सफलता को लेकर यज्ञ का आयोजन किया गया है।
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