उच्च स्तरीय शोध के लिए अकादमिक- औद्योगिक सहयोग जरूरी: डॉ आशुतोष तिवारी

स्वीडन के वैज्ञानिक ने रज्जू भइया संस्थान में शोध सुविधाओं का किया निरीक्षण

जौनपुर। इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मटेरियल स्वीडन के निदेशक डा. आशुतोष तिवारी ने बुधवार को कुलपति प्रो वंदना सिंह के  साथ विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान का अवलोकन कर सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान में स्थित स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप एवं एक्स आर डी मशीनों के बारे में जानकारी ली एवं उनके माध्यम से हो रहे शोध कार्यों के बारे में संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार यादव से विस्तार से चर्चा कर आवश्यक सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि संस्थान में शोध हेतु सुविधाओं की कमी नहीं है उनके उपयोग एवं प्रचार प्रसार को बढ़ावा देने जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभ विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी प्राप्त कर सकें । उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में भी शोध को बढ़ावा देने पर विशेष बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एकेडमिक-इंडस्ट्री में परस्पर सहयोगात्मक भावना से कार्य करने की आवश्यकता है जिसका लाभ जन सामान्य व भारत के उन्नयन में सहायक होगा। उन्होंने जनसंचार विभाग के ऑडियो विजुअल स्टूडियो को भी देखा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि देश विदेश के अग्रणी संस्थानों से परस्पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में संस्थान को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे इंपैक्ट फैक्टर में शोध पत्र प्रकाशित करने के साथ ही शिक्षकों को पेटेंट पर ही ध्यान देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर रज्जू भैया संस्थान के शिक्षकों ने नैक द्वारा विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह को बधाई दी।
इस अवसर पर प्रो. बी. बी. तिवारी,  प्रो. अजय प्रताप सिंह,  प्रो. वंदना राय, प्रो देवराज सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार,  डॉ मिथिलेश यादव, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ सुजीत चौरसिया, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. अजीत सिंह, डॉ शशिकांत यादव, डॉ श्रवण कुमार, डॉ काजल डे, आदि उपस्थित रहे ।

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