90 साल का दूल्हा और 86 की दुल्हन अदालत में हुए एक दूजे के,पढ़े पूरी कहांनी
90 बरस का दूल्हा और 86 बरस की दुल्हन तकरीबन एक बरस अलग-अलग रहने के बाद शनिवार को पारिवारिक अदालत में संविधान को साक्षी मानकर फिर से एक हो गए। अदालत ने दोनों के बीच समझौता कराकर उन्हें फिर से एक करा दिया।
जिला जज अब्दुल शाहिद, पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेशचंद्र आर्या, विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एडीजे नीरज बरनवाल, अपर जिला जज सुमित पंवार सहित अन्य न्यायिक अधिकारी अनूठे मिलन के साक्षी बने।
वयोवृद्ध दंपती ने सारे गिले-शिकवे दूर करते हुए सभी के सामने एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर से साथ रहकर जीवन बिताने का संकल्प लिया। कहा, उनके बीच कोई अलगाव नहीं है। बस संपत्ति के लालच में बीते एक वर्ष पहले बेटों ने ही दोनों को अलग-अलग करा दिया था। दोनों ने अदालत में मन की बात कही और आधी-आधी संपत्ति दोनों बेटों के नाम कर दी।
कंधई थानाक्षेत्र के पाठक का पुरवा, किशुनगंज के शिवप्रसाद पाठक और उनकी पत्नी प्रभु देवी, दोनों बीते एक बरस से अलग-अलग रह रहे थे। 2010 में लोकनिर्माण विभाग के सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त शिवप्रसाद पाठक को बेटों ने ही संपत्ति के बंटवारे को लेकर पत्नी से अलग करा दिया था। इतना ही नहीं मां को साथ रख रहे छोटे बेटे ने तो मां की ओर से पिता के विरुद्ध धारा 25 के तहत हर्जा खर्चा देने का मुकदमा भी दर्ज कराया था।
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